"मेरे पति का पार्थिव शरीर आने से पहले, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं उन्हें फिर से देख पाऊंगी. पर जब मैं यह सोचती हूं कि उनके पार्थिव शरीर को एयरलिफ्ट कर लमका (चुराचांदपुर) लाया गया और हम उनका अंतिम संस्कार करने में सफल रहे तो यह ख्याल मुझे बेहद सुकून देता है."
मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर में 26 वर्षीय चिंगनेहमोई जोउ को अपने पति थंघौलाल को दफनाने के लिए आठ महीने इंतजार करना पड़ा.
यह न तो परंपरा थी और न ही विरोध था. थंघौलाल के शव के लिए फिर से इम्फाल जाने का मतलब था खुद की जान जोखिम में डालना.
मणिपुर में 3 मई 2023 को हिंसा हुई-आज से ठीक एक साल पहले. हिंसा से हुई मौतों के पहले सूची में थंघौलाल का नाम शामिल है.
4 मई को, राज्य की राजधानी इम्फाल में बीजेपी विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे को कथित तौर पर भीड़ ने पीटाजबकि वाल्टे बच गए और उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया वहीं उनके ड्राइवर के तौर पर काम करने वाले थंघौलल की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
पिछले साल जून में द क्विंट जब दो बच्चों की मां जोउ से मिली थी तो वह अपने पति की याद में लगाए बैनर के सामने बैठी थीं. उन्होंने कहा था,
उसके तस्वीर को देखना बहुत मुश्किल था. उसका चेहरा पूरी तरह से खराब हो गया था, उन्होंने उनके पेट में चाकू मारा था. अब तक मैंने अपने पति का शव नहीं देखा है.
दस महीने बाद, जब द क्विंट ने चुराचांदपुर में उन्हें फिर से देखा तो जोउ ने बताया कि उन्होंने दिसंबर में थंघौलाल को दफनाया था.
20 दिसंबर 2023 को, चल रही जातीय हिंसा में मारे गए 87 कुकी-जो पीड़ितों के शवों को इम्फाल के मुर्दाघरों से चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में एयरलिफ्ट किया गया था. 87 शवों में से एक थंघौलाल था.
जो ने बताया, 'हमें क्रिसमस से पहले उनका पार्थिव शरीर मिल गया. सेना ने उनके पार्थिव शरीर को इम्फाल से एयरलिफ्ट किया था और जैसे ही उनका पार्थिव शरीर यहां पहुंचा, उन्हें दफनाया दिया गया.' जो ने कहा कि उन्हें एक या दो दिनों के लिए [मुर्दाघर में] रखा गया और फिर दफना दिया गया.
अपने दिवंगत पति को श्रद्धांजलि के तौर पर चिंगनेहमोई जोउ ने एक गीत लिखा और इसे रिकॉर्ड भी किया. हालांकि, वह इस समय म्यूजिक वीडियो बनाने का खर्च नहीं उठा सकती.
उनके चाचा, पा थैंग ने जोउ को गीत रिकॉर्ड करने में मदद की.
"अपने पति की मृत्यु के बाद मुझे बहुत दुख हुआ. मैं ऐसी इंसान नहीं जो किसी गाने के बोल लिख सके. बस इतना है कि जब भी मैं रोती हूं तो मेरे दर्द का भार कागज पर शब्दों के रूप में आ जाता है. मेरे चाचा हैं, जिनका नाम पा थैंग है जो शब्दों और धुन को मिलाकर गाने का रूप देना जानते हैं. मैंने उनकी गाना बनाने में मदद मांगी. मैंने रिकॉर्डिंग कर ली है और गाना कमोबेश तैयार है लेकिन, हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि हम अपनी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं. मैं अभी म्यूजिक वीडियो बनाने के लिए पैसे जुटाने के स्थिति में नहीं हूं. "- चिंगनेहमोई जोउ
जब हमने गाने के बोल सुनाने को कहा तो उन्होंने कहा, मेरे गाने के सबसे पीड़ादायक बोल कुछ यूं हैं:
तुम कहां चले गए
तुम्हारा बेटा राह देखता है, पूछता है
पापा तुम कहां हो?
और जो दूसरी लाइन है वह है,
हमने वादा किया था कि फिर मिलेंगे
पर अब तुम कहां हो..
एक मां जिसे अपने दो बच्चों की देखभाल करने की जरूरत है, चिंगनेहमोई जोउ ने अफसोस जताते हुए कहा कि उनके पास कमाने का कोई साधन नहीं है और घर में पैसे कमाने वाला कोई नहीं है.
"हमें कुछ नहीं पता कि भविष्य में हमारे लिए क्या रखा है. फिलहाल मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे थोड़े बड़े हो जाएं ताकि थोड़ा आत्मनिर्भर बन सकें. ताकि मैं भी जिस काम के लायक हूं वह कर सकूं. इस वक्त मैं अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकती और मुझे उनकी देखभाल करने के लिए उनके साथ रहने की जरूरत है. मेरे पति के परिवार में, जो कोई भी मेरे लिए कर सकता है, कर रहा हैं और लोगों की उदारता और मदद के जरिए हम अपना जीवन जी पा रहे हैं."- चिंगनेहमोई जोउ
मणिपुर पुलिस के अधिकारियों ने द क्विंट को बताया कि वुंगजगिन वाल्टे और थंघौलाल पर भीड़ के हमले के संबंध में एफआईआर तो दर्ज की गई है लेकिन आज तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
(पिछले एक साल से मणिपुर जातीय हिंसा के कारण जल रहा है. सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. इन सबका भविष्य अभी भी अधर में लटका हुआ है. 3 मई 2024 को मणिपुर हिंसा को एक साल हो गए है और द क्विंट तथ्यों, अनकही कहानियों और सच्चाई की खोज में वापस से ग्राउंड पर लौट चुका है. संघर्षग्रस्त क्षेत्र से रिपोर्टिंग में शामिल जोखिमों के अलावा, ऐसी रिपोर्टों के लिए समय और संसाधन दोनों की आवश्यकता होती है. आपका साथ हमारे कोशिश में हमारी मदद करता है.)
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