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भारत-पाक रिश्तों में सुधार? अब सूत, कपास को इंपोर्ट करने की मंजूरी

इसके पहले पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक दूसरे को खत भी लिख चुके हैं

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भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधरते दिख रहे हैं. बीते दिनों के घटनाक्रम से तो ऐसा लग ही रहा था कि अब पाकिस्तान की इकनॉमिक को-ऑर्डिनशन काउंसिल ने भारत के बने सूत और कपास को इंपोर्ट करने की भी मंजूरी दे दी है. ये रिपोर्ट रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दी है. इसके पहले पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखा था और उधर से इमरान खान का जवाबी खत भी आया था.

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पीएम मोदी ने 23 मार्च को ‘पाकिस्तान दिवस’ के मौके पर इमरान को खत भेजा था. इसके बाद 30 मार्च को इमरान खान ने इसका जवाब देते हुए लिखा कि ‘पाकिस्तान भी भारत समेत अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते’ चाहता है.

भारत पाकिस्तान के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते चाहता है: पीएम मोदी

पिछले हफ्ते भेजे गए खत में पीएम मोदी ने इमरान खान को 'पाकिस्तान दिवस' की शुभकामनाएं दी. पीएम मोदी ने लिखा, "भारत, पाकिस्तान के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते चाहता है. इसलिए भरोसे, आतंक और बैर से मुक्त माहौल बनाने की जरूरत है."

शांतिपूर्ण और सहयोग भरे रिश्ते की चाह: इमरान खान

पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भी भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ 'शांतिपूर्ण और सहयोग भरे रिश्ते' चाहते हैं. खान ने अपने खत में लिखा, "हम मानते हैं कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच सभी लंबित मुद्दों का निवारण जरूरी है, खासकर जम्मू-कश्मीर विवाद."

खान ने माना कि 'रचनात्मक और किसी नतीजे पर पहुंचने वाली बातचीत' के लिए ठीक माहौल बनाना जरूरी है.

“मैं भारत के लोगों को COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए शुभकामना देना चाहता हूं.”
इमरान खान

इमरान खान का ये सकारात्कम रुख ऐसे समय में आया है जब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सुधरने की दिशा में बढ़ रहे हैं. दोनों देशों ने पिछले महीने LoC पर सीजफायर के लिए समझौते का ऐलान किया था. इमरान खान के कोरोना पॉजिटिव होने पर पीएम मोदी ने उनके जल्दी ठीक होने की कामना की थी.

अतीत को भूलने और आगे बढ़ने का समय: पाकिस्तानी सेना प्रमुख

19 मार्च को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा था कि 'यह भारत और पाकिस्तान के लिए अतीत को भूलने और आगे बढ़ने का समय है. उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति से दक्षिण और मध्य एशिया में विकास की संभावनाओं को खोलने में मदद मिलेगी.'

जनरल बाजवा ने इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों के चलते क्षेत्रीय शांति और विकास की संभावना अनसुलझे मुद्दों के कारण हमेशा बंधक रही है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह समय अतीत को भूलने और आगे बढ़ने का है.’’

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