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परमबीर सिंह पहुंचे SC, शरद पवार-फडणवीस आमने-सामने, 10 बड़ी बातें

NCP प्रमुख ने साफ तौर पर अनिल देशमुख का पक्ष लिया है और परमबीर सिंह पर ही सवाल उठा दिए हैं

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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के सीएम उद्धव को लिखे लेटर ने महाराष्ट्र की सियासत में जो हलचल पैदा की वो शांत होने का नाम नहीं ले रही है. अब ये हलचल सुप्रीम कोर्ट से संसद में शोर पैदा कर रही है. विपक्षी पार्टियां महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर दबाव बना रही हैं कि गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा लिया जाए. वहीं NCP प्रमुख ने साफ तौर पर अनिल देशमुख का पक्ष लिया है और परमबीर सिंह पर ही सवाल उठा दिए हैं. शरद पवार ने कहा है कि मामले में जांच को लेकर फैसला मुख्यमंत्री को करना है.

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अब तक की बड़ी बातें

  1. 22 मार्च को NCP चीफ शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुद गृह मंत्री देशमुख का बचाव किया है और कहा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि अंबानी धमकी वाले मुख्य केस की जांच को भटकाया जा सके.
  2. शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री देशमुख के इस्तीफे का कोई सवाल नहीं है. साथ ही पवार ने कहा कि परमबीर सिंह लेटर वाले मामले में जांच पर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री करेंगे.
  3. पवार ने सवाल उठाया कि 'अगर परमबीर सिंह को मिड फरवरी में ही पता था कि कुछ गलत हो रहा है तो उन्होंने मार्च तक का इंतजार क्यों किया?'
  4. एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि- 'परमबीर सिंह ने लेटर में लिखा कि कुछ अधिकारी अनिल देशमुख से मिले. लेकिन 6 से 15 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से नागपुर के हॉस्पिटल में भर्ती थे'
  5. शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया और सवाल उठाया कि '15 फरवरी को गृह मंत्री तो असल में सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ मीडिया के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.'
  6. फडणवीस के इस ट्वीट का जवाब देते हुए पवार ने कहा कि देशमुख के डिस्चार्ज होने के साथ ही उनके घर के बाहर मीडिया वाले खड़े थे. तो इसलिए वो सेलेब्रिटी ट्वीट मामले में मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे.
  7. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाने वाला लेटर लिखने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
  8. सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर करके मांग की है कि उन्होंने सीएम को जो लेटर लिखा है और जो आरोप लगाए हैं, उस पूरे मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.
  9. 22 मार्च को परमबीर सिंह के लेटर बम वाला मामला संसद में भी उठा. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इस मुद्दे पर बीजेपी सांसदों ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री का इस्तीफा लिए जाने की मांग की.
  10. परमबीर सिंह के करीबी सूत्रों ने बताया कि 'सचिन वझे और एसीपी पाटिल को कई बार गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने बंगले पर बुलाया था. सचिन वझे ने परमबीर सिंह को इस बारे में जानकरी नहीं दी और छुपाते रहा.'

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