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Pegasus Project भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश- लोकसभा में IT मंत्री

Pegasus Project में खुद IT मंत्री Ashwini Vaishnaw पर भी जासूसी का दावा किया गया है

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मानसून सत्र के पहले दिन सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर, पेगासस (Pegasus) की मदद से पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, खुद के मंत्रियों और मौजूदा जज पर जासूसी के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. आईटी मिनिस्टर अश्वनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने लोकसभा में कहा कि 'पेगासस प्रोजेक्ट' के आरोप "हमारे लोकतंत्र और सुस्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश लगते हैं".

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रिपोर्ट के तथ्य गुमराह करने वाले- मंत्री

विपक्ष के भारी हंगामे से बाधित लोक सभा को संबोधित करते हुए अश्वनी वैष्णव ने कहा कि "जो रिपोर्ट पेश की गई है उसके तथ्य गुमराह करने वाले हैं और उसमें कोई दम नहीं है". उन्होंने कहा,

"कल रात एक वेब पोर्टल ने एक बेहद सनसनीखेज स्टोरी प्रकाशित की गई है. इस स्टोरी के इर्द-गिर्द कई ओवर-द-टॉप आरोप लगाए गए. यह प्रेस रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले सामने आई है. यह इत्तेफाक नहीं हो सकता".
अश्वनी वैष्णव,IT मंत्री

उन्होंने आगे कहा " पहले भी सरकार पर व्हाट्सऐप पर पेगासस इस्तेमाल को लेकर इसी तरह के दावे किए गए थे. उन रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सभी पक्षों ने इसका खंडन किया था. 18 जुलाई की प्रेस रिपोर्ट भी भारतीय लोकतंत्र और इसकी सुस्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश लगती है".

बता दें कि 18 जुलाई को 'द वायर' सहित 17 मीडिया हाउस ने 'पेगासस प्रोजेक्ट' नाम से सरकारों द्वारा जासूसी का पहला बड़ा खुलासा किया .दावा किया गया कि कैसे 2016 से ही 10 से अधिक देशों की सरकार इस स्पाइवेयर की मदद से प्रमुख लोगों की जासूसी कर रही थी. 18 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कम से कम 40 पत्रकारों की जासूसी की जा रही थी.

इसके अलावा दावा है कि तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं, एक संवैधानिक अथॉरिटी (सिटिंग जज) ,नरेंद्र मोदी सरकार के 2 मौजूदा मंत्री सहित कई सरकारी अधिकारियों और बिजनेसमैनों का फोन हैक किया गया था. इससे संबंधित रिपोर्ट 'पेगासस प्रोजेक्ट' के तहत आगे प्रकाशित किया जाएगा.
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मानसून सत्र का हंगामेदार आगाज

मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा, दोनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला. लोकसभा में हंगामा इतना तेज रहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं करा पाए. दोनों सदनों में विपक्ष का प्रदर्शन इतना तेज था कि राज सभा को 3:00 बजे तक जबकि लोकसभा को 3:30 बजे तक स्थगित कर दिया गया.

सरकार जासूसी के आरोप के बीच घिरती दिख रही है. विपक्षी दलों सहित कई एक्टिविस्टों और सिविल सोसायटी के लोगों ने सरकार को आरोपों पर जवाब देने को कहा है. आगे भी संसद में इस मुद्दे पर खूब हंगामा होने के आसार हैं.

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