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पुणे पोर्श केस: "52 घंटे बाद अंतिम संस्कार, हत्यारा 15 घंटे में छूटा", पीड़ित परिवार का दर्द

Pune Porsche Accident: अनीश अवधिया उन दो लोगों में से एक थे, जिनकी पुणे पोर्श कार हादसे में मौत हो गई.

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रविवार, 19 मई को लगभग 3:00 बजे, मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में अपने घर पर सोते समय सविता अवधिया की नींद मोबाइल फोन पर आई एक कॉल से खुल गई. पुणे (Pune) से उनके बड़े बेटे अनीश के एक दोस्त ने फोन किया था, जिसका नाम वह नहीं सुन पाई थीं.

सविता ने बताया, "अनीश के दोस्त ने हमें बताया कि अनीश का एक्सीडेंट हो गया है और हमें तुरंत पुणे आना होगा. पहले तो मुझे लगा कि यह कोई शरारत है. लेकिन फिर मैंने सोचा कि उसके दोस्त ऐसी शरारत नहीं करेंगे. मैंने उसी नंबर पर दोबारा कॉल किया और उसके दोस्त ने कहा कि अनीश सीरियस है. यह सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई."

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परिवार तुरंत कार से पुणे के लिए निकल गया. उन्हें क्या पता था कि अगली सुबह तक अनीश की मौत नेशनल हेडलाइन बन जाएगी.

पुणे के कल्याणी नगर क्षेत्र में रविवार, 19 मई तड़के एक 17 वर्षीय नाबालिग कथित रूप से शराब के नशे में हाई स्पीड से लक्जरी पोर्श कार चला रहा था. कार ने अनीश की बाइक को टक्कर मार दी, जिससे उसकी और पीछे बैठी उसकी महिला मित्र अश्विनी कोस्टा की मौके पर ही मौत हो गई.

पुणे में काम करने वाले पेशे से इंजीनियर अनीश और अश्विनी अपने दोस्तों के साथ डिनर के लिए बाहर गए थे. हादसे से पहले के CCTV फुटेज में कार तेज रफ्तार से पुणे की सड़क पर दौड़ती दिख रही है और फिर आसपास खड़े लोग उसकी ओर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं.

हालांकि, ये हादसा इस वजह से हेडलाइन बन गया क्योंकि नाबालिग आरोपी को घटना के लगभग 15 घंटे बाद किशोर न्याय बोर्ड ने हादसे पर 'निबंध लिखने' की शर्त पर जमानत दे दी थी.

इस घटना को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर लोगों में गुस्सा है, वहीं इस बात पर भी बहस हो रही है कि क्या नाबालिग आरोपी पर वयस्क की तरह आरोप लगाया जाना चाहिए.

इस बीच अवधिया परिवार पूछता है - "इन कानूनों में न्याय कहां है?"

'पता नहीं था कि यह उसका आखिरी कॉल होगा'

अनीश 12वीं कक्षा के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए पुणे चला गया था. वह पिछले दो सालों से एक कंपनी में काम कर रहा था और मई की शुरुआत में ही अपने परिवार से मिलने घर आया था.

सविता ने अनीश के साथ अपनी आखिरी मुलाकात के बारे में बताते हुए कहा, "हमने उसे आखिरी बार 4 मई को देखा था, जब वह मेरी शादी की सालगिरह पर मिलने घर आया था. बाद में वह काम के सिलसिले में दुबई चला गया, जहां से वह हमारे लिए गिफ्ट्स लेकर आया था. उसने कहा था कि अगली बार जब वह घर आएगा तो गिफ्ट्स लेकर आएगा."

हालांकि, सविता की अनीश से हुई आखिरी बातचीत अधूरी रह गई.

सविता कहती हैं, "हादसे से दो दिन पहले हमारी बात हुई थी. मैं बाजार में थी. उसने कहा 'हैलो माते', वह मुझे प्यार से माते बुलाता था. मैंने उससे कहा कि मैं घर जाकर उसे फोन करूंगी. लेकिन मैं भूल गई. मैं अगले दिन भी उनसे बात नहीं कर सकी, वह आमतौर पर ऑफिस में होने पर मीटिंग में बिजी रहता था. वह कॉल मेरी उससे आखिरी बातचीत थी, मुझे नहीं पता था कि यह अंतिम बार होगा."

अनीश के पिता ओम अवधिया एक प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं, जबकि उसने अपने छोटे भाई की बीटेक की पढ़ाई का खर्च उठाने की जिम्मेदारी खुद ली थी.

अनीश के मामा ज्ञानेन्द्र सोनी बताते हैं, "अनीश एमटेक करना चाहता था, दूसरे तरफ उसके छोटे भाई ने भी 12वीं पास करके इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया था. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वह जानता था कि उसके पिता के लिए दोनों की पढ़ाई का खर्च उठाना मुश्किल होगा, इसलिए वह पहले अपने भाई को बीटेक पूरा करने देना चाहता था, फिर खुद आगे की पढ़ाई करना चाहता था. उसने अपने भाई की पूरी जिम्मेदारी ले रखी थी."

नाबालिग आरोपी को हादसे से पहले 2 रेस्तरां में शराब परोसी गई थी

येरवडा पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के अनुसार, आरोपी अपने 10-12 दोस्तों के साथ 12वीं बोर्ड का रिजल्ट सेलिब्रेट करने के लिए पुणे के मुंडवा इलाके के कोजी रेस्तरां मे गया था.

महाराष्ट्र में शराब पीने की कानूनी उम्र 25 साल है, फिर भी आरोपी और उसके दोस्तों को कथित तौर पर कम उम्र होने के बावजूद रेस्तरां में शराब परोसी गई. आधी रात को वहां से निकलने के बाद आरोपी और उसके दोस्त ब्लैक नामक एक अन्य रेस्तरां में गए, जहां उन्होंने कथित तौर पर और शराब पी.

दोनों रेस्तरां के प्रबंधकों और मालिकों के खिलाफ नाबालिगों की उम्र की जांच किए बिना उन्हें शराब परोसने का मामला दर्ज किया गया है. वहीं आरोपी के पिता, जो पुणे में एक रियल एस्टेट एजेंट हैं, उन्हें अपने नाबालिग बेटे को अपनी गाड़ी देने और बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने की अनुमति देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

नाबालिग आरोपी के पिता को मंगलवार को छत्रपति संभाजी नगर (पहले औरंगाबाद) से गिरफ्तार किया गया और दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

मामले में आक्रोश बढ़ने के बाद बुधवार को किशोर न्याय बोर्ड ने आरोपी की जमानत रद्द करते हुए उसे 5 जून तक रिमांड होम भेज दिया.

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'दो लोगों की जान लेने के बाद उस पर नाबालिग के तौर पर मुकदमा कैसे चलाया जा सकता है?'

हालांकि, अनीश के परिवार की मांग है कि आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

सविता ने कहा, "वह एक रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखता है, इसलिए उसे छोड़ दिया गया. उनके पास पैसा है, तो क्या उन्हें छोड़ा जा सकता है? लेकिन मेरा बेटा मर चुका है. मैं बस यही उम्मीद करती हूं कि मेरे बेटे को वह न्याय मिले जिसका वह हकदार है. मैं उम्मीद करती हूं कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले."

"उसे नाबालिग कहा जा रहा है, लेकिन वह शराब पी रहा था, वह एक हाई प्रोफाइल परिवार से है, वह एक महंगी कार चला रहा था, उसे इस बात की परवाह नहीं थी कि सड़क पर और कौन है, और फिर उसने अपनी कार से दो लोगों को टक्कर मार दी और उनकी हत्या कर दी. उसके लिए क्या सजा है? निबंध लिखना और सामुदायिक सेवा करना? यह कैसा न्याय है?"

पुणे पुलिस ने सोमवार को कहा कि वह आरोपी पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.

अनीश के मामा ने कहा, "हमें जो खोना था, वह हमने खो दिया है, कोई भी न्याय न्याय जैसा नहीं लगेगा. आप स्वयं सोचें- मेरे भतीजे का अंतिम संस्कार उसकी मृत्यु के 52 घंटे बाद किया गया, लेकिन यह लड़का 15 घंटे में जेल से बाहर आ गया. यह कैसा कानून है? हम नहीं बता सकते कि हमें कैसा लग रहा है."

(इनपुट- आलिम शेख)

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