अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार की एडवाइजरी के बाद श्रीनगर में अफरा-तफरी का माहौल है. कुछ बड़ा होने की आशंका को लेकर हर कोई घबराहट में दिख रहा है. शहर के रास्ते जाम हो गए है. श्रीनगर के मूल निवासी खाने-पीने और जरूरत की चीजें इकट्ठा करने में जुटे है. ATM और पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी लाइनें लगी है.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवादी खतरे का हवाला देते हुए एडवाइजरी जारी कर कहा है कि अमरनाथ यात्री घाटी से जल्द से जल्द लौट जाए. साथ ही चार अगस्त तक अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है. इससे पहले सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के टॉप अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी यात्रा को निशाना बना सकते हैं.
'आतंकवादी कश्मीर की शांति में डालना चाहते हैं बाधा'
एडवाइजरी से पहले सेना के श्रीनगर स्थित 15 कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस. ढिल्लों, सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन और राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी कश्मीर की शांति में बाधा डालना चाहते हैं और खास तौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं.
‘डर का माहौल बना रही है सरकार’
उधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का कहना है कि राज्य में केंद्र सरकार डर का माहौल बना रही है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया है कि अगर अमरनाथ यात्रियों को खतरा है तो गुलमर्ग को क्यों खाली कराया जा रहा है. उमर अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि कश्मीर में सरकार का इरादा क्या है किसी को नहीं पता. उन्होंने कहा कि ऐसे हालात पैदा किए जा रहे हैं तो डर तो पनपेगा ही.
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