सोशल मीडिया पर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) के शव को कथित तौर पर पाकिस्तानी झंडे में लिपटे हुए और उनकी मौत के बाद कथित तौर पर "राष्ट्र-विरोधी" नारे लगाने का एक वीडियो सामने आने के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में एक सीनियर पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया, "पुलिस ने 1 सितंबर की रात गिलानी की मौत के बाद उनके घर पर गैरकानूनी गतिविधियों के लिए एफआईआर दर्ज की है."
बडगाम पुलिस ने 2 सितंबर को इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बहाल होने के बाद वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया.
गिलानी की मौत के बाद कश्मीर में फोन सेवाएं बैन कर दी गई थीं, जो 3 सितंबर देर शाम मोबाइल फोन वॉयस कॉलिंग सेवाएं और ब्रॉडबैंड सुविधा बहाल कर दी गई. गिलानी की मौत के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लि घाटी में व्यापक प्रतिबंध और मोबाइल टेलीफोन बंद करने का आदेश दिया गया.
92 साल की उम्र में गिलानी का निधन
जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का 1 सितंबर की रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्हें घाटी में अलगाववादी आंदोलन का एक बड़ा चेहरा माना जाता था, जिसके चलते वो हमेशा से ही चर्चा में रहे और ज्यादातर उन्हें उनके घर पर ही नजरबंद रखा गया
जमात-ए-इस्लामी के साथ काम करने के बाद 2004 में वो अलग हो गए और अपनी पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस बनाई. उन्होंने कई सालों तक पार्टी के अध्यक्ष पद पर काम किया. पिछले ही साल ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से अपना इस्तीफा दे दिया था. सैयद अली शाह गिलानी जम्मू-कश्मीर की सोपोर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक चुने गए थे.
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