चेन्नई से करीब 260 किलोमीटर दूर तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में एक छात्रा की आत्महत्या के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने एक बार फिर पोस्टमॉर्टम का आदेश दिया है. इस आत्महत्या की वजह से पूरे तमिलनाडु में तनाव की स्थिति बनीं हुई है. कोर्ट का यह फैसला छात्रा की मौत के बाद निजी आवासीय स्कूल के परिसर में भीड़ द्वारा की गई भगदड़ के बाद आया.
मद्रास कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को दंगाइयों और उन्हें भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने लड़की के परिवार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा था कि दूसरे दौर का पोस्टमार्टम उनकी पंसद के डॉक्टरों द्वारा किया जाए.
पुलिस ने आत्महत्या के मामले में स्कूल के प्रधान सचिव और संवाददाता को हिरासत में लिया है.कैंपस में हुए दंगे के आरोप में सौ से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है
पुलिस ने बताया कि लड़की ने स्कूल की 13वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. लड़की के परिवार वालों ने दोनों शिक्षकों पर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. पुलिस ये भी बताया कि लड़की ने आत्महत्या के बाद एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें कहा गया था कि वह कई विषय में संघर्ष कर रही थी और अपने शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए अपने शिक्षकों द्वारा अपमानित करने का आरोप लगाया था.
पुलिस ने आगे बताया कि पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशानों की पुष्टी हुई है, वहीं, परिवार का आरोप है कि जिस स्थान पर वह मृत पाई गई, उसके पास की दीवार पर खून से लथपथ हथेली के निशान थे.
रविवार को स्कूल परिसर के बाहर प्रदर्शन हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और कम से कम 15 बसों में आग लगा दी. इस घटना में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित कई लोग घायल हो गए. जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए 31 जुलाई तक निषेधाज्ञा जारी की है. अदालत ने पुलिस से सोशल मीडिया ट्रायल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है
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