ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई. दोनों ने अफगानिस्तान, महामारी में यात्रा प्रतिबंधों और 2030 के रोडमैप पर चर्चा की. साथ ही ग्लासगो में होने वाली COP-26 के संदर्भ में भी क्लाइमेट एक्शन को लेकर बात हुई.
खलीज टाइम्स के हवाले से एएनआई ने बताया कि, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के कार्यालय यानी डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता ने कहा, "नेताओं ने अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति के बारे में भी बात की. तालिबान के साथ डील करने के लिए वो एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं, देश में मानवाधिकारों को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया गया".
उन्होंने आगे बताया कि "प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ साझा लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सावधानीपूर्वक खोलने के महत्व पर चर्चा की. वे इस बात पर सहमत हुए कि यूके द्वारा भारतीय वैक्सीन प्रमाणन को मान्यता देना उस समन्वय के लिए एक स्वागत योग्य विकास है".
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बातचीत को लेकर ट्वीट कर खुशी जताई है.
"भारत पहले से ही रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है"
बोरिस जॉनसन ने आने वाले COP-26 शिखर सम्मेलन में क्लाइमेट पर ठोस प्रगति करने के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है. जॉनसन ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को शून्य पर लाने के लिए प्रतिबद्ध होगा.
बता दें कि पीएम मोदी 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक ग्लासगो में होने वाले COP-26 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं.
जॉनसन ने यूके और भारत के संबंधों के बारे में भी बात की और मई में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद से 2030 रोडमैप पर हुई प्रगति का स्वागत किया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)