अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. 40 दिनों तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 70 साल पुराने इस विवाद में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर से पहले अयोध्या भूमि विवाद पर अपना फैसला सुना सकता है. कोर्ट के संभावित फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश में हलचल तेज हो गई है. अयोध्या में जहां धारा 144 लागू कर दी गई है, वहीं राज्य सरकार ने सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक रद्द कर दी हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि यह कदम आगामी त्योहारों के मद्देजनर उठाया गया है.
अफसरों को मुख्यालय न छोड़ने का निर्देश
अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है-
आगामी त्योहारों को देखते हुए फील्ड में तैनात अफसरों को अति विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी प्रकार का अवकाश नहीं दिया जाएगा.
इसके साथ ही सभी अधिकारियों को अपने-अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश भी दिये गए हैं.
दीपोत्सव के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती
सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित और संवेदनशील फैसला अगले महीने 17 नवंबर से पहले आने की संभावना है. ऐसे में सरकार प्रदेश में खासकर अयोध्या में सुरक्षा-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखना चाहती है. शासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तैयारियां शुरू भी कर दी हैं.
डीजीपी मुख्यालय स्तर से अयोध्या में सात अपर पुलिस अधीक्षक, 20 क्षेत्राधिकारी, 20 इंस्पेक्टर, 70 सब-इंस्पेक्टर और 500 सिपाही भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं. दीपोत्सव के मद्देनजर 26, 27 और 28 अक्टूबर को अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की तैनाती होगी.
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