उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक निहत्थे आम आदमी को गोली मार दी. घटना शुक्रवार देर रात की है. इस घटना में कार सवार की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक की पहचान विवेक तिवारी के रूप में हुई है. विवेक तिवारी मल्टीनेशन कंपनी ऐपल इंडिया में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे.
विवेक तिवारी मूल रूप से यूपी के ही सुल्तानपुर जिले के निवासी थे और फिलहाल लखनऊ में ऐपल कंपनी में नौकरी कर रहे थे. उनके फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, कंपनी ने उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी थी. वह साल 2014 से ऐपल के साथ जुड़े हुए थे.
38 साल के विवेक तिवारी ने कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सुल्तानपुर से साल 1999 में ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने साल 2002 में मेरठ के दीवान इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए किया. ऐपल से जुड़ने से पहले वह राजस्थान में सैमसंग के साथ काम कर रहे थे.
क्या है लखनऊ गोलीकांड?
28 सितंबर की रात वह अपनी कार से सहकर्मी सना के साथ लखनऊ के गोमतीनगर इलाके से जा रहे थे. इसी दौरान पुलिस कॉन्स्टेबल ने उनके गले में गोली मार दी. कॉन्स्टेबल का दावा है कि उसने गोली आत्मरक्षा में चलाई. गोली लगने के बाद विवेक तिवारी को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
विवेक तिवारी की अपनी पत्नी से आखिरी बात
विवेक तिवारी अपने पीछे अपनी पत्नी कल्पना तिवारी और दो बेटियों को छोड़ गए हैं. मीडिया से हुई बातचीत में विवेक की पत्नी कल्पना ने बताया कि उनकी अपने पति से रात करीब 1.30 बजे आखिरी बार बात हुई थी.
कल्पना के मुताबिक, उसने रात दो बजे तक विवेक के लौटने का इंतजार किया. इसके बाद उसने विवेक को कॉल करना शुरू किया, लेकिन फोन नहीं उठा. इसके बाद सुबह करीब 3.15 बजे किसी ने फोन उठाकर बताया कि उसके पति को चोट लगी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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