लखनऊ गोलीकांड को लेकर बीजेपी विधायकों और सरकार में मंत्री ने ही योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज्य के दो विधायकों और एक मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखकर पुलिस की कार्यशैली और विवेक तिवारी मर्डर केस की जांच पर सवाल उठाए हैं.
जिन विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखा है, उनमें हरदोई के शाहबाद से विधायक रजनी तिवारी, बरेली के विधायक राजेश मिश्रा और योगी सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक शामिल हैं.
योगी सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक ने उठाए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने विवेक तिवारी मर्डर केस में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. पाठक ने समाचार एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में कहा-
‘पुलिस के कुछ बड़े अफसर मामले को तोड़-मरोड़ने और तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. उनके खिलाफ भी जांच कराई जाएगी. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि यूपी सरकार किसी भी दोषी को माफ नहीं करेगी. उस पुलिसकर्मी को भी माफ नहीं करेगी, जिसने एक निर्दोष व्यक्ति की जान ले ली.’
BJP विधायक ने कड़ी कार्रवाई की मांग
हरदोई के शाहाबाद से विधायक रजनी तिवारी ने भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी को खत लिखा है. उन्होंने लिखा है, ‘लखनऊ में घटी घटना ने यूपी पुलिस और प्रशासन की छवि को धूमिल किया है. इस घटना में लखनऊ के स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली बेहद निंदनीय है. मैं लखनऊ के जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करती हूं.’
DM और SSP को निलंबित करने की मांग
बरेली के बिथरी चैनपुर से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखा है. उन्होंने विवेक तिवारी मर्डर केस में डीएम और एसएसपी को निलंबित करने की मांग की है. मिश्रा ने लिखा है, ‘लखनऊ के डीएम और एसएसपी मामले में दबाने और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा पुलिस और प्रशासन पीड़ित परिवार को ही डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है.’
क्या है लखनऊ का विवेक तिवारी मर्डर केस?
बीते शुक्रवार की रात गोमतीनगर इलाके में ऐपल कंपनी के मैनेजर विवेक तिवारी को यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल ने गोली मार दी थी. घटना के मुताबिक, विवेक तिवारी ऐपल आईफोन की लॉन्चिंग इवेंट से लौट रहे थे. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना खान भी थी. इसी दौरान गोमतीनगर इलाके में बाइक सवार पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी और संदीप ने उन्हें रुकने का इशारा किया. सना का दावा है कि विवेक ने सुनसान इलाके होने की वजह से डर के चलते गाड़ी नहीं रोकी, जब पुलिस वालों ने बाइक गाड़ी के आगे लगा दी तो विवेक ने गाड़ी को साइड से निकालने की कोशिश की, इसीबीच कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने विवेक तिवारी को गोली मार दी.
उधर पुलिस कॉन्स्टेबल का दावा है कि गाड़ी सुनसान इलाके में खड़ी हुई थी. गाड़ी की लाइट्स बंद थीं. गाड़ी संदिग्ध हालत में होने के चलते वह गाड़ी के पास गए, जैसे ही वह पास पहुंचे. कार में चल पड़ी. कॉन्स्टेबल के मुताबिक, उसने जब कार सवार को गाड़ी रोकने और बाहर आने का इशारा किया, तो विवेक ने गाड़ी उसकी बाइक पर चढ़ा दी. कॉन्स्टेबल प्रशांत के मुताबिक, उसने संदिग्ध हालात होने की वजह से कार चालक को डराने के लिए पिस्टल निकाली, जोकि पहले से ही लोड थी. इसी बीच गोली चल गई जो विवेक तिवारी के सिर में जाकर लगी.
हालांकि, इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. घटना की जांच के लिए सरकार ने स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम गठित की है.
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