मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलने के साथ मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां एक पिता को नवजात शिशु का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो वह अपनी मोटरसाइकिल की डिक्की में नवजात के शव को रखकर कलेक्ट्रेट कार्यालय जा पहुंचा और फिर अपने गांव ले गया।
सिंगरौली जिले की सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के कई गांव के लोग इलाज कराने सहित अन्य जरूरी काम के लिए सिंगरौली आते हैं। सोनभद्र का जिला मुख्यालय उन गांव से सिंगरौली की तुलना में ज्यादा दूरी पर है। ऐसा ही कुछ दिनेश कुमार के गांव बीजपुर का है। यह गांव सोनभद्र जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर और सिंगरौली से नजदीक है।
दिनेश की पत्नी गर्भवती थी और वह उसे लेकर सिंगरौली के जिला अस्पताल पहुंचा, वहां पर उसे निजी चिकित्सालय ले जाने की सलाह दी गई। निजी अस्पताल में पांच हजार रुपए जमा करने पर पत्नी की भर्ती हो सकी। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मृत्यु हो गई है। परिणाम स्वरूप फिर उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां मृत बच्चे का जन्म हुआ। महिला की भी हालत गंभीर है। जब दिनेश ने एंबुलेंस की मांग की तो उसे वह सुविधा नहीं मिली। परिणामस्वरूप दिनेश अपने बच्चे के शव को मोटरसाइकिल की डिक्की में रखकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और शिकायत की। इसी हाल में बच्चे को डिक्की में ही रखकर गांव गया।
इस मामले के सामने आने पर कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने जांच के निर्देश दिए हैं और उसके उपरांत कार्रवाई की बात कही है।
राज्य में यह पहला ऐसा मामला नहीं है जब मानवता शर्मसार हुई हो। इससे पहले भी शव को मोटर साइकिल पर बांधकर और मरीजों को हाथ ठेला पर ले जाने के मामले भी सामने आते रहे हैं।
--आईएएनएस
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