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बिहार में शराब-बिक्री पर रोक लगाने में चुनौतियों से घिरे हैं नीतीश

बिहार में शराब-बंदी लागू करने में नीतीश सरकार को अब छह महीने और इंतजार करना होगा.

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बिहार में नीतीश सरकार को शराब बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने में अभी और वक्त लग सकता है. सरकार शराबबंदी की योजना घोषित करने के बाद इसे लागू करने के लिए तारीख तय नहीं कर पा रही है.

अंग्रेजी अखबार लाइव मिंट रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही शराबबंदी लागू करने के लिए अप्रैल महीना तय किया था. लेकिन, अब सरकार इसे अगले छह महीने और आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है.

माना जा रहा है कि यह देरी पुलिस के साथ समन्वय, पड़ोसी राज्यों के सहयोग और करोड़ों रूपयों के राजस्व के बंद हो जाने संबंधी प्रशासनिक मुद्दों की वजह से हो रही है.

नीतीश सरकार बिहार में शराब विरोधी अभियान शुरू कर चुकी है. फिलहाल बिहार में 4,000 से ज्यादा शराब की दुकानों के पास लाइसेंस है. अगले छह महीनों में 4,000 की संख्या को 600 तक लाया जाएगा. जिसका मतलब है कि बिहार में सिर्फ 600 दुकानें ही शराब बेच पाएंगी. और ये सभी दुकानें शहरी इलाकों में ही होंगी. इसके बाद पूरे राज्य में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा.

अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव, बिहार

अंजनी सिंह ने कहा है कि, बीते हफ्ते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि सरकार छह महीने बाद पहले देशी शराब की बिक्री पर रोक लगाएगी और फिर बिहार शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर पूर्ण रोक लगाई जाएगी.

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