राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार को कहा कि उनका इस्तीफा 1998 से स्थायी रूप से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के पास है. अशोक गहलोत का यह बयान इन अटकलों के बीच आया है कि राजस्थान कांग्रेस में अगले साल के चुनावों से पहले फेरबदल हो सकता है.
राजस्थान के जयपुर में राजस्व सेवा परिषद के सम्मेलन में भाषण देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि "मेरा इस्तीफा स्थायी रूप से सोनिया गांधी के पास है. जब मुख्यमंत्री बदलना होगा तब कानों कान किसी को खबर नहीं होगी. इस पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया जाएगा.
"कांग्रेस आलाकमान निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है और मैं अपील करूंगा सभी को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि यह शासन को प्रभावित करता है"मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
उन्होंने आगे कहा "पिछले 2-3 दिनों से राजस्थान के मुख्यमंत्री को बदलने की बात चल रही है. यह सही नहीं है."
"आज RRS समर्थक भी, नितिन गडकरी जैसे बीजेपी के समझदार लोग, वैसे वोटर जिन्होंने कांग्रेस को वोट नहीं दिया वह भी चाहता है कि कांग्रेस मजबूत रहे देश के अंदर"
अशोक गहलोत का यह बयान कांग्रेस नेता सचिन पायलट के गुरुवार, 21 अप्रैल को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद आया है. सचिन पायलट-सोनिया गांधी मुलाकात से राजस्थान कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं.
पिछले 15 दिन में पार्टी नेतृत्व के साथ सचिन पायलट की यह दूसरी मुलाकात थी.
सीएम उम्मीदवार में संभावित बदलाव के बारे में बोलते हुए सचिन पायलट ने कहा था कि "ठीक यही हम चर्चा कर रहे हैं. सब कुछ शामिल है. अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष करेंगी".
मालूम हो कि सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के खिलाफ खुलेआम बगावत कर दी थी, जिससे सरकार टूटने की कगार पर आ गई थी. हालांकि बाद में सचिन पायलट ने अपना विद्रोह तब छोड़ दिया जब पार्टी नेतृत्व ने आश्वासन दिया कि 'विद्रोही नेताओं' की शिकायतों को प्रियंका गांधी वाड्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति द्वारा सुना जाएगा.
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