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गुजरात में BJP की सोशल इंजीनियरिंग, 5-OBC, 5-पाटीदार, 3-ST, कैसा है मंत्रिमंडल?

गुजरात में भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल से क्या संदेश देना चाहती है BJP?

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गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी की प्रचंड जीत के साथ ही मंत्रिमंडल का गठन भी हो गया है. भूपेंद्र पटेल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. उनके साथ 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग पर खासा ध्यान दिया है. इसके साथ ही बीजेपी ने पांचों क्षेत्रों (कच्छ, सौराष्ट्र, दक्षिणी गुजरात, मध्य गुजरात और नॉर्थ गुजरात) पर ध्यान दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि गुजरात में भूपेंद्र पटेल 2.O सरकार के मंत्रिमंडल के क्या मायने हैं? बीजेपी ने कैसे इस मंत्रिमंडल से सोशल इंजीनियरिंग को साधा है?

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हार्दिक पटेल को मंत्रिमंडल में क्यों नहीं मिली जगह?

गुजरात की वीरमगाम सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते हार्दिक पटेल को लेकर ये कायास लगाया जा रहा था कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है. जानकारों का मानना है कि हार्दिक पटेल का मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाने की दो वजहें हैं. पहली कि उनकी उम्र अभी 30 साल ही, जबकि मंत्रिमंडल में शामिल सभी विधायकों की उम्र 30 से ऊपर है.

दूसरी वजह ये है कि जिस पाटीदार समुदाय से वो आते हैं, उस समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं की संख्या बीजेपी में ज्यादा है, दो राजनीतिक रूप से हार्दिक पटेल से ज्यादा अनुभव रखते हैं. खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, पाटीदार समाज से आते हैं. इसके अलावा 4 और विधायक (ऋषिकेश पटेल, राघवजी भाई हंसराज पटेल, मुकेश पटेल और प्रफुल्ल पानसेरिया) मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं, जो पाटीदार समाज से आते हैं.

मैं बहुत युवा विधायक हूं. मैं पार्टी के लिए काम करने में विश्वास रखता हूं. ये पार्टी फैसला करेगी कि किसको कैबिनेट में रखना है और किसको नहीं. पार्टी की तरफ से मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, मैं उसे खुशी से स्वीकार करूंगा.
हार्दिक पटेल, बीजेपी नेता

मंत्रीमंडल में सोशल इंजीनियरिंग को कैसे साधी है बीजेपी?

गुजरात मंत्री मंडल में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के अलावा जिन 16 विधायकों को शमिल किया गया है, इसमें सोशल इंजीनियरिंग का खासा ध्यान रखा गया है. भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में सीएम समेत 5 पाटीदार, 5 OBC, एक ब्राह्मण, एक क्षत्रिय, एक दलित और एक जैन का प्रतिनिधित्व है. वहीं, आदिवासी समाज से इस बार मिले रिस्पांस से बीजेपी के मंत्रिमंडल में आदिवासी समाज से प्रतिनिधित्व बढ़कर तीन हो गया है.

सौराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात को ज्यादा तवज्जो

गुजरात में भूपेंद्र पटेल के नए मंत्रिमंडल में सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात को ज्यादा तवज्जो दी गई है. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात से 5-5 मंत्री बनाए गए हैं. उत्तरी गुजरात और मध्य गुजरात के हिस्से में 3-3 मंत्री आए हैं.

वहीं, पिछली बार से तुलना करें तो सात पुराने चेहरों को फिर से मौका दिया गया है. इसमें ऋषिकेश पटेल, राघवजी पटेल, कनुभाई देसाई, हर्ष संघवी, जगदीश पंचाल, मुकेश पटेल और कुबेर सिंह डिंडोर का नाम शामिल है.

मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मौका

भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में नए चेहरों को मौका दिया है. बलवंत सिंह नए चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. ये क्षत्रीय समाज से आते हैं. मुलु बेरा अहीर समाज से आते हैं. भानुबेन बाबरिया एकलौती महिला मंत्री हैं, जो दलित समाज से आती हैं. प्रफुल्ल पानसेरिया भी पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं, जो पाटीदार समाज से आते हैं. कुंवरजी हलपति आदिवासी समाज से आते हैं. वहीं, भीखू सिंह परमार OBC समाज से आते हैं.

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