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दिल्ली: सोनिया-प्रशांत किशोर की तीन दिनों में दूसरी बार मुलाकात, क्या है प्लान?

शनिवार को प्रशांत ने कांग्रेस नेताओं के ग्रुप के साथ मिशन 2024 के लिए मीटिंग में शामिल हुए थे.

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार, 18 अप्रैल की देर रात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. रिपोर्ट्स के मुताबिक विधानसभा चुनावों के अगले दौर और अगले आम चुनावों पर योजना बनाने के लिए यह मुलाकात हुई. सुर्खियां ये भी बनी हुई हैं कि प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले हैं. कांग्रेस 2024 से पहले पार्टी के कामों को नए सिरे से शुरू करने के लिए आगामी आम चुनावों के लिए एक गेम प्लान पर विचार कर रही है.

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सोनिया गांधी और प्रशांत किशोर के बीच तीन दिनों में यह दूसरी मुलाकात थी. शनिवार को प्रशांत ने कांग्रेस नेताओं के ग्रुप के साथ मिशन 2024 के लिए मीटिंग में शामिल हुए थे.

आगामी चुनावों पर चर्चा

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आखिरी मीटिंग में एजेंडा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से संबंधित था, जो इस साल के अंत में होने वाले हैं. इसके अलावा अगले साल कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी नजर बनी हुई है.

इससे पहले सोमवार की शाम सोनिया गांधी ने अपने घर पर एक पार्टी टीम के साथ मीटिंग की, जिसे मिशन 2024 योजना का मूल्यांकन करने का काम सौंपा गया है. इस मीटिंग में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी और वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने भाग लिया और एक सप्ताह के भीतर इस मामले पर एक रिपोर्ट देने की उम्मीद है.

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प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के लिए कांग्रेस को इस महीने का समय दिया गया है, जिसमें पार्टी के लिए अगले आम चुनाव में 370 सीटों पर चुनाव लड़ने और कुछ राज्यों में रणनीतिक साझेदारी की योजना शामिल है.

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक किशोर ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में अकेले लड़े और तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में गठबंधन करें. इस बात पर राहुल गांधी ने अपनी सहमति दर्ज की है.

राज्यों के चुनावों में क्षेत्रीय नेताओं ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी और के चंद्रशेखर राव को उनके संगठन आईपीएसी की मदद के मद्देनजर, पार्टी के अंदर एक वर्ग के द्वारा प्रशांत किशोर और उनकी योजनाओं के खिलाफ काफी प्रतिरोध किया गया है. ममता बनर्जी और रेड्डी दोनों ने बंगाल और आंध्र प्रदेश में इस प्रक्रिया में कांग्रेस को पछाड़ते हुए जीत हासिल की थी.

पिछले साल प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल होने की योजना बंगाल में चुनाव परिणामों के बाद सफल नहीं हो सकी.

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