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लोकसभा चुनाव: दूसरे चरण में भी 2019 से कम वोटिंग, डेटा बता रहा किसे बढ़त-किसको डेंट?

Lok Sabha Election 2024: दूसरे चरण की वोटिंग शुक्रवार, 26 अप्रैल को संपन्न हुई. 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 88 सीटों पर वोट डाले गए.

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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण की वोटिंग शुक्रवार, 26 अप्रैल को खत्म हुई. 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 88 सीटों पर वोट डाले गए. इसके साथ ही देश की कुल 543 लोकसभा सीटों में से एक तिहाई पर जनता का मत EVM में कैद हो चुका है.

केरल, राजस्थान, मणिपुर और त्रिपुरा की सभी सीटों पर वोटिंग हो गयी है. वहीं मध्य प्रदेश की बैतूल सीट पर भी दूसरे चरण में वोटिंग होनी थी लेकिन BSP उम्मीदवार के निधन के कारण वोटिंग टाल दी गई.

चलिए यहां आपको बताते हैं कि दूसरे चरण में जिन 88 सीटों पर वोटिंग हुई, वहां वोटिंग पर्सेंट क्या रहा? यह आंकड़े क्या बताते हैं? हॉट सीट्स पर वोटरों में दिखा रुझान दिग्गजों के लिए राहत की खबर लेकर आया या नहीं?

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सबसे पहले बताते हैं कि दूसरे चरण में किन राज्यों की कितनी सीटों पर वोट डाले गए.

  • केरल: सभी 20 सीट

  • राजस्थान: 25 सीटों में से 13

  • कर्नाटक: 28 सीटों में से 14

  • उत्तर प्रदेश: 80 सीटों में से 8

  • मध्य प्रदेश: 29 सीटों में से 6

  • असम: 14 सीटों में से 5

  • छत्तीसगढ़: 11 सीटों में से 3

  • बिहार: 40 सीटों में से 5

  • महाराष्ट्र: 48 सीटों में से 8

  • पश्चिम बंगाल: 42 सीटों में से 3

  • त्रिपुरा: 2 सीटों में से 1

  • जम्मू और कश्मीर: 5 सीटों में से 1

  • मणिपुर: दो सीटों में से एक के कुछ हिस्सों पर, यहां पहले चरण में भी वोट डाले गए थे

2019 में इन 88 सीटों पर क्या रहे थे नतीजे?

सबसे पहले आपको बताते हैं कि 2019 में इन 88 सीटों पर क्या नतीजे रहे थे?

NDA में शामिल पार्टियों ने इन 88 सीटों में से 60 पर कब्जा जमाया था. वहीं अभी विपक्षी INDIA गुट में शामिल पार्टियों के हिस्से 23 सीटें आई थीं. इसके अलावा अविभाजित शिवसेना ने 4 सीटें और BSP ने 1 सीट जीती थी.

अगर सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस की बात करें तो 88 सीटों में से अकेले बीजेपी ने 54 और कांग्रेस ने 18 सीटें जीती थीं. बीजेपी की इन 54 सीट में 2 ऐसे निर्दलीय भी शामिल हैं जो अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

वहीं 2014 में एनडीए ने इनमें से 45 सीटें जीती थीं और इंडिया ब्लॉक की पार्टियों ने 35 सीटें जीती थीं. जबकि आठ अन्य पार्टियों के पास गई थीं.

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वोटिंग पर्सेंट क्या बता रहा?

2019 के लोकसभा चुनावों में इन 88 सीटों पर पड़े वोट की तुलना में जानते हैं कि इस बार कितनी वोटिंग हुई है.

केरल

सबसे पहले बात केरल की. यहां सभी 20 सीटों पर दूसरे चरण में ही वोट डाले गए. यहां चुनावी लड़ाई LDF और UDF के बीच बनी हुई है. वैसे तो राष्ट्रीय स्तर पर दोनों गठबंधन की प्रमुख पार्टियां, CPI (M) और कांग्रेस, इंडिया ब्लॉक में एक साथ हैं, लेकिन राज्य में दोनों के बीच मुकाबला कांटे का रहा है. इसके अलावा बीजेपी कुछ सीटों पर एक मजबूत प्रतियोगी के रूप में उभर कर इसे त्रिकोणीय लड़ाई बना रही है.

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बीजेपी के 6 सीटों - तिरुवनंतपुरम, अटिंगल, पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, त्रिशूर और पलक्कड़ - पर कड़ी टक्कर देने की उम्मीद है. इन 6 सीटों पर 2019 में LDF का वोट शेयर पांच से 10 प्रतिशत कम हो गया था.

2019 के चुनावों में, LDF ने राज्य में 20 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि UDF की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार राहुल गांधी ने वायनाड से अकेली जीत हासिल की थी. राहुल गांधी फिर से इसी सीट से मैदान में हैं और यह सीट हॉट सीट बनी हुई है.

2019 के चुनाव में केरल की इन 20 सीटों पर वोटिंग पर्सेंट 77.84% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 5 बजे तक 63.97% रहा. यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.

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राजस्थान

राजस्थान राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण राज्य और बीजेपी के लिए महत्व रखता है. बीजेपी का लक्ष्य यहां क्लीन स्वीप की हैट्रिक लगाने की है. 2014 और 2019, दोनों चुनावों में बीजेपी ने यहां की 25 में से 25 सीट पर जीत हासिल की थी. हालांकि 2019 में NDA के सहयोगी के रूप में जीतने वाले आरएलपी के हनुमान बेनीवाल इसबार INDIA गुट के उम्मीदवार हैं.

लोकसभा स्पीकर, मोदी के दो मंत्रियों और दो पूर्व CM के बेटों के मैदान में होने के कारण, राजस्थान में दूसरे चरण का चुनाव कांग्रेस-बीजेपी के बीच तीखी प्रतिस्पर्धा के बीच वर्चस्व की लड़ाई रही है.

जहां जालोर अशोक गहलोत के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है, तो टोंक-सवाई माधोपुर में सचिन पायलट का भी सबकुछ दांव पर लगा है.

राजस्थान में दूसरे चरण की इन 13 सीटों पर 2019 में औसत वोटिंग पर्सेंट 68.46 रहा था. इसबार 5 बजे तक यह आंकड़ा 59.19% है.

स्नैपशॉट

राजनीति में यह माना जाता है कि अगर पिछली बार की अपेक्षा वोटिंग में गिरावट हुई है तो लोग शासन के मौजूदा रूप को बदलने में उतने उत्साहित नहीं हैं. वहीं वोटिंग अगर ज्यादा होती है तो माना जाता है कि लोग सरकार बदलने के लिए बड़ी संख्या में सामने आए हैं. हालांकि भारत में यह हर बार सही नहीं होता. 1951-52 से लेकर 2019 तक 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं. 1957 से 2019 तक (पहले चुनाव को छोड़कर) 16 लोकसभा चुनावों में वोटिंग पर्सेंटज छह बार गिरा और 10 बार बढ़ा. लेकिन इनमें से मौजूदा सरकारें 8 बार फिर से सत्ता में आई और इतनी ही बार बदली गईं.

कर्नाटक

कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश की किस्मत EVM में कैद हो गयी है. डीके सुरेश देश के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं.

2019 में बीजेपी ने इन 13 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी वहीं 2014 में उसने 6 सीट अपने पाले में किए थे. अगर वोटिंग पर्सेंट की बात करें तो 2019 में इन सीटों पर औसत वोटिंग 70.48% रही थी जबकि इसबार 5 बजे तक यह आंकड़ा 63.90% रहा.

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उत्तर प्रदेश

अब बात यूपी की. दूसरे चरण में यूपी की 8 सीटों पर वोट डाले गए. बीजेपी के मिशन 400 और विपक्ष के सत्ता में आने के सपने में यूपी की भूमिका सबसे अहम होगी. 2019 में 8 सीटों (अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा और बुलंदशहर) में से 7 पर बीजेपी ने बाजी मारी थी जबकि एक मयावती के नेतृत्व वाली बीएसपी के पास गयी थी. 2014 की तरह 2019 में भी एसपी और कांग्रेस के हाथ इन सीटों पर खाली रहे थे.

वोटिंग पर्सेंट की बात करें तो यूपी की इन 8 सीटों पर 2019 में 62.76% वोटिंग हुई थी. इस बार 5 बजे तक यह आंकड़ा 52.64% रहा.

बिहार

चुनावी कुश्ती के दूसरे राउंड में बिहार की 5 सीटों (बांका, भागलपुर, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया) पर वोटिंग हुई, जिनमें तीन मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र से हैं. 2019 में इनमें से 4 पर JDU ने जीत हासिल की थी जबकि किशनगंज पर कांग्रेस का उम्मीदवार जीता था. बिहार की यह अकेली सीट थी जिसपर INDIA ब्लॉक की पार्टी को पिछले चुनाव में जीत हासिल हुई थी.

कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने के बावजूद पप्पू यादव के निर्दलीय लड़ने की वजह से पूर्णिया सीट हॉट सीट बनी रही.

2019 में इन 5 सीटों पर औसत वोटिंग पर्सेंट 63.04 रहा था. इस बार इन सीटों पर शाम 6 बजे तक 58.58% वोटिंग हुई.

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महाराष्ट्र

दूसरे चरण में महाराष्ट्र की 8 सीटों पर वोट डाले गए. 2019 में इन 8 सीटें में से चार अविभाजित शिवसेना ने, तीन बीजेपी ने और 1 सीट निर्दलीय ने जीती थी.

इसबार इन सीटों पर बदले जाति समीकरण, मुखर ग्रामीण वोटरों के उदय और स्थानीय फैक्टर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं. इन नए फैक्टर्स में सबसे महत्वपूर्ण मराठवाड़ा के मराठा समुदाय के बीच आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल के निर्देशों के मद्देनजर शांत लहर है. उन्होंने मराठा मतदाताओं से अपील की है कि वे किसी विशेष उम्मीदवार को जिताने में मदद करने के बारे में न सोचें, बल्कि जो लोग मराठों को ओबीसी दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें हराने के बारे में सोचें.

2019 में इन 8 सीटों पर 62.86% वोटिंग हुई थी. इस बार 5 बजे तक यह आंकड़ा 53.51% रहा.

पश्चिम बंगाल

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर वोटिंग हुई. कलकत्ता हाई कोर्ट के एक फैसले में बाद फिर से सूबे की राजनीति को स्कूल नौकरियों का "घोटाला" सरगर्म कर रहा है.

तीन सीटों - दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट- पर बीजेपी ने 2019 में जीत हासिल की थी. रायगंज और बालुरघाट, दोनों बांग्लादेश की सीमा से लगती हैं और 2011 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से यहां TMC को जीत हासिल नहीं हुई है.

2019 में इन 3 सीटों पर 62.86% वोटिंग हुई थी. इस बार 5 बजे तक यह आंकड़ा 71.84% रहा.

मध्य प्रदेश

26 अप्रैल को दूसरे चरण में मध्य प्रदेश की जिन 6 सीटों पर वोट डाले गए वे इस बड़े से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित हैं. इन सभी सीटों को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 2019 में पार्टी ने सभी 6 सीटों पर जीत हासिल की थी. वोटिंग पर्सेंट की बात करें तो 2019 में यह आंकड़ा 67.68% था जो इस बार लगभग 58% रहा.

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