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"राशन देकर गुलाम बना रहे", मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने, BJP, SP-कांग्रेस पर क्या कहा?

मायावती ने अखिलेश यादव को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला करार दिया और कहा कि SP लोगों को कन्फ्यूज करना चाहती है.

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार (14 जनवरी) को अपने 68वें जन्मदिन पर कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मायावती ने किसी भी गठबंधन (INDIA, NDA) से इंकार करते हुए कहा, "बहुजन समाज पार्टी किसी भी गठबंधन का हिस्सा होने के बजाए आम चुनाव अकेले लड़ेगी और अगर ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं हुआ तो पार्टी सरकार भी बनाएगी." हालांकि, उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि चुनाव के बाद उनकी पार्टी सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है.

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मायावती ने कहा कि अगर चुनाव के बाद बीएसपी को सत्तारूढ़ दल उचित भागीदारी देते हैं तो पार्टी सरकार में शामिल हो सकती है.

अखिलेश, बीजेपी-कांग्रेस पर हमला

मायावती ने समाजवादी पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने और उन्हें रोजगार प्रदान करने के बजाय, केंद्र और राज्य (यूपी) सरकारें उन्हें कुछ मुफ्त राशन प्रदान कर रही हैं और उन्हें अपना गुलाम बनाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, यूपी में हमारी सरकार ने लोगों को सशक्त बनाने के लिए रोजगार उपलब्ध कराया.

उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला करार दिया और कहा कि एसपी लोगों को कन्फ्यूज करना चाहती है.

समाजवादी पार्टी प्रमुख ने इंडिया ब्लॉक की मीटिंग में विरोध किया और अब रंग गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं.
मायावती, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बीएसपी

मायावती ने समाजवादी पार्टी,बीजेपी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये बड़े उद्योगपतियों की पार्टियां हैं.

पूरे देश में बीएसपी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बाबा साहेब के बनाए कानून और नियमों पर चलती है. कांग्रेस, बीजेपी और उसके सहयोगियों, बड़े व्यापारियों की पक्षधर हैं. अति पिछड़ों को उनका हक नहीं मिल रहा है और आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. सभी लोगों से अपील है कि वे बीएसपी से जुड़ें और उसे सत्ता तक पहुंचाएं, ताकि उनका हक मिल सके. एसपी ने बयान देकर बीएसपी के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की थी, इससे बचने की जरूरत है.
मायावती, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बीएसपी

"मैं रिटायर नहीं हो रही"

मायावती ने अपने रिटायरमेंट की खबरों को अफवाह करार देते हुए कहा, "पिछले महीने मैंने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था जिसके बाद मीडिया में यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मैं जल्द ही राजनीति से संन्यास ले सकती हूं.हालांकि, मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि ऐसा नहीं है, और मैं पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करना जारी रखूंगी."

मायवाती ने बताई गठबंधन नहीं करने की वजह

मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने की वजह बताते हुए कहा कि बीएसपी अकेले चुनाव इसलिए लड़ती है, क्योंकि इसका सर्वोच्च पद दलित का ही है. अपर कास्ट वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हो पाता और गठबंधन में हमारा वोट उन्हें चला जाता है. हमे इसका लाभ नहीं मिलता.

उन्होंने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का उदाहरण देकर समझाया कि जब बीएसपी ने इन दोनों दलों से अलग-अलग मौकों पर गठबंधन किया तो पार्टी को क्या नुकसान हुआ.

बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि पिछले बार देखा गया है कि पुराने चुनावों में जब गठबंधन हुआ तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का ही फायदा हुआ. ऐसे में हमने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बीएसपी ने 2007 में यूपी विधान सभा चुनाव अकेले लड़ कर सरकार बनाई थी.

राम मंदिर पर क्या बोली मायावती?

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि उन्हें अयोध्या में होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्यौता मिला है लेकिन अभी जाने पर उन्होंने निर्णय नहीं लिया है.

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मुझे राम मंदिर रे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला है, मैंने इसपर कोई फैसला नहीं लिया है क्योंकि मैं अपने पार्टी के काम में व्यस्त हूं, लेकिन अयोध्या में 22 जनवरी को जो कार्यक्रम हो रहा है उसका हम स्वागत करते हैं. अगर जाऊंगी तो सबको जानकारी दूंगी.
मायावती, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बीएसपी

उन्होंने आगे कहा, "अगर भविष्य में अगर बाबरी मस्जिद को लेकर ऐसा कोई कार्यक्रम होता है तो हम और हमारी पार्टी उसका स्वागत करेंगे. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं क्योंकि बीएसपी देश की एकमात्र धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल है."

मायावती ने अपने जन्मदिन पर हर बार की तरह अपने संघर्षों को लेकर एक किताब जारी की और कहा कि कार्यकर्ता पूरी मेहनत के साथ चुनाव में लग जाएंगे और बीएसपी की सरकार बनाएं, यही उनके लिए गिफ्ट होगा.

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