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राहुल का मोदी सरकार पर आरोप-सदन में महिला सांसदों को पीटा, लोकतंत्र की हत्या

बुधवार को भी 14 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई, जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे.

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राज्यसभा ( Rajyasabha) में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के ऑफिस में आज एक बार फिर विपक्षी दलों की बैठक हुई. बैठक के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत विपक्ष के कई नेताओं ने मार्च किया. तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया. इस पहले बैठक में विपक्ष ने कई मुद्दों पर चर्चा की.

हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा, लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया. हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे(मीडिया) बात करने आए हैं, क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया. ये देश के लोकतंत्र की हत्या है.
राहुल गांधी, कांग्रेस

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश के 60 फीसदी लोगों की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया और कल राज्यसभा में महिला सांसदों को पीटा गया. संसद का सत्र खत्म हो गया है, लेकिन जहां तक देश के 60 फीसदी हिस्से का सवाल है, तो संसद का कोई सत्र नहीं हुआ है.  विपक्षी नेताओं ने मांग की कि कृषि कानूनों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और कहा कि वे मानसून सत्र को कम करने का विरोध कर रहे हैं जो शुक्रवार तक होने वाला था

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शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, "विपक्ष को सदन में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला और महिला सांसदों के खिलाफ कल की घटना लोकतंत्र के खिलाफ थी क्योंकि ऐसा लगा कि हम (विपक्ष) पाकिस्तान की सीमा पर खड़े हैं."

बुधवार की घटनाओं के बारे में शिकायत करने के लिए विपक्षी नेताओं के सदन के सभापति से मिलने की संभावना है. बुधवार को संसद अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया, लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया कि जब वे सदन में बीमा विधेयक का विरोध कर रहे थे, तो महिला सांसदों के साथ पुरुष मार्शलों ने मारपीट की. कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने कहा, "

मुझे पुरुष मार्शलों द्वारा धक्का दिया गया और मैं फूलो देवी नेताम पर गिर गई. वह भी सदन के फ्लोर पर गिर गईं." राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा, "अपने पूरे संसदीय करियर में मैंने कभी नहीं देखा कि जिस तरह से आज उच्च सदन में महिला सांसदों पर हमला किया गया. 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया. यह बहुत दुखद और दर्दनाक है. यह लोकतंत्र पर हमला है।"

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