गुजरात में चुनावी सरगर्मी के बीच राहुल गांधी ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी और राज्य की बीजेपी सरकार पर जुबानी हमला किया. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने गांधीनगर में जीएसटी का नया मतलब बताया. उन्होंने कहा, ''जीएसटी का मतलब है 'गब्बर सिंह टैक्स'.''
राहुल ने कहा कि जीएसटी को जबरन देश पर थोपा गया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी कांग्रेस का विचार था, लेकिन बीजेपी ने इसे उस तरह लागू नहीं किया. इस कारण आज के समय में जीएसटी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
राहुल ने नोटबंदी पर भी मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा मोदी जी ने नोटबंदी लागू कर खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी, उन्हें खुद समझ नहीं आया कि इससे क्या हुआ.
बीजेपी को घेर रहे पाटीदार समुदाय के साथ आकर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘’गुजरात की आवाज को न दबाया जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है.’’ उन्होंने कहा कि देश का पूरा बजट भी लगा दिया जाए या पूरी दुनिया का भी पैसा लगा दिया जाए, तब भी गुजरात की आवाज को नहीं दबाया जा सकता.
युवा शांत नहीं हो सकते
राहुल ने कहा कि गुजरात में करोड़ों युवा हैं, मोदी जी ने इन्हें इतना तंग किया है कि ये शांत नहीं हो सकते. अल्पेश हैं, हार्दिक हैं, जिग्नेश हैं, वो शांत नहीं हो सकते हैं. इस आवाज को न दबाया जा सकता है, न खरीदा जा सकता है.
उन्होंने कहा आजादी के समयअंग्रेजों ने गांधीजी की आवाज को दबाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने तब के सुपरपावर को भगा दिया. अब यहां के युवा इस सरकार को भगा के दम लेंगे.
प्रदेश में युवा को नहीं मिलता रोजगार
राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में 30 लाख बेरोजगार युवा हैं. राज्य में हर दिन 30 हजार नए युवा रोजगार ढूंढने निकलते हैं. लेकिन मोदी सरकार 30 हजार में से केवल 450 युवाओं को रोजगार दे पाती है. राहुल ने कहा मोदी जी मेक इन इंडिया की बात करते हैं, लेकिन पूरे देश में मेड इन चाइना प्रचलन में है.
गुजरात के दिल की बात बताई मोदी से
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ''मोदी जी मन की बात कहते हैं, आज मैं मोदी जी को प्यार से गुजरात के दिल की बात कहना चाहता हूं. गुजरात का युवा शिक्षा चाहता है, रोजगार चाहता है. लेकिन पिछले 22 साल में राज्य सरकार ये सब देने में पूरी तरह नाकाम रही. राज्य का हर कॉलेज, हर यूनिवर्सिटी 4-5 उद्योगपतियों के हाथों में सौंप दिया गया है.''
अमीरों का कर्ज माफ होता है, गरीबों का नहीं
पूरी तरह से अक्रामक मूड में नजर आ रहे राहुल गांधी ने हर मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ''सिर्फ अमीरों का कर्ज माफ होता है, गरीबों का नहीं. पिछले साल 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये हिन्दुस्तान के बड़े उद्योगपतियों में बांट दिए गए. माल्या की कर्जमाफी पर उनके साथ नेगोशिएशन हो रहा है. गुजरात में नैनो बनाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपए दिए गए. लेकिन गुजरात का किसान जिसने खून पसीना दिया, जब वो कर्ज माफ करने को कहता है, तो सरकार कहती है ये नहीं हो सकता.''
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)