ADVERTISEMENTREMOVE AD

राम मंदिर पर भागवत का बयान सुप्रीम कोर्ट को चुनौती: मुस्लिम संगठन

मोहन भागवत के बयान पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ा ऐतराज जताया.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर पर दिए बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. भागवत ने शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी में कहा था कि विवादित स्थल पर सिर्फ मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं और इस बारे में किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए.

उनके इस बयान पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ा ऐतराज जाहिर किया है. साथ ही उनके इस बयान को सुप्रीम कोर्ट को चुनौती करार दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा, “बोर्ड अदालत पर यकीन रखता है और उसके फैसले के मुताबिक अमल की कोशिश करेगा. भागवत ने बयान देकर कानून को अपने हाथ में लिया है.”

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने भी भागवत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

संविधान में सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च अदालत है और उसका आदेश पूरे देश में लागू करना ही होता है. कोर्ट ने विवादित स्थल पर फिलहाल यथास्थिति बनाये रखने को कहा है, वह स्थिति कब तक बनी रहेगी यह पता पता नहीं. भागवत ने वो बयान देकर सीधे तौर पर उच्चतम न्यायालय को चुनौती दी है. ये लोकतंत्र के लिए खतरा है.
जफरयाब जीलानी, संयोजक, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी

‘गुजरात चुनावों में फायदा उठाने की कोशिश’

जफरयाब जीलानी ने कहा कि उन्हें लगता है कि भागवत ने गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा बयान दिया है.

वहीं, AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी आरोप लगाया कि मोहन भागवत और बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को उछालकर गुजरात विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.

हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि पांच दिसंबर से अयोध्या विवाद को लेकर सुनवाई शुरू होने से पहले आरएसएस और बीजेपी डर का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ये बयान न तो देश के लिए अच्छा है और न ही देश के सुप्रीम कोर्ट के लिए.

भागवत ने क्या कहा था?

विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के तीन दिवसीय धर्म संसद में भागवत ने कहा, "राम मंदिर राम जन्मभूमि पर ही बनेगा और वहां कुछ भी नहीं बनेगा. इसका निर्माण किया जाएगा और वास्तविक स्वरूप में उन्हीं पत्थरों से निर्माण किया जाएगा. इसका निर्माण उनके नेतृत्व में होगा, जिन्होंने इस आंदोलन की अगुवाई की थी और इसके लिए 20-25 सालों तक लड़ते रहे."

भागवत ने कहा, "समय काफी नजदीक आ गया है. हमें बहुत सावधान रहना होगा और एक-एक करके कदम उठाना होगा. हमें और किसी चीज के बारे में नहीं सोचना होगा."

देखें वीडियो | गोरक्षा के काम में लगे कई धर्मों के लोग: मोहन भागवत

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×