उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को डीजीपी सुलखान सिंह के साथ बैठक की. प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर चौतरफा हमला झेल रहे मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड खंगाला. तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. विपक्षी पार्टियां योगी सरकार को आड़े हाथों ले रही हैं और मौजूदा आंकड़ों के गणित ने सीएम योगी के वादों और इरादों की बखिया उधेड़ दी है.
बता दें कि यूपी में कानून व्यवस्था हमेशा से सरकारों के लिए बड़ी चुनौती रही है. मायावती सरकार चाहे जैसी भी रही हो, लेकिन मजबूत कानून व्यवस्था के लिये आज भी याद की जाती है. योगी आदित्य नाथ मुख्यमंत्री बने तो मजबूत कानून व्यवस्था की आहट लगी. उन्होंने अपने एक भाषण में पिछली सरकार की नाकामियों का जिक्र करते हुए कहा कि अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है अपराधी सुधर जाएं या फिर संभल जाएं क्योंकि परिस्थितियां बदल चुकी है. योगी के हुंकार के साथ ही यूपी पुलिस हरकत में आयी और ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुये.
6 महीनों 15 बदमाश पुलिस एनकाउंटर्स में मारे गये. जिसका असर कुछ दिनों तक तो दिखा, लेकिन आज फिर बदमाश बेखौफ हो गये हैं.
अपराध के आंकड़े
सिर्फ 1 अक्टूबर से 10 अक्टूबर के बीच उत्तर प्रदेश के आठों जोन में पिछले दस दिनों के भीतर 169 मर्डर के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, एंटी रोमियो स्क्वायड के नाम पर इतराने वाली और महिला सम्मान और सुरक्षा की पैरवी करने वाली बीजेपी सरकार में बीते दस दिनों में 208 रेप के मामले सामने आए हैं. हालात और भी बदतर हैं-
- किडनैपिंग - 417
- डकैती -18
- लूट - 156
सिर्फ राजधानी लखनऊ में ही 21 मर्डर, 59 किडनैपिंग, 6 डकैती और 13 लूट के मामले सामने आए हैं.
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