उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सिसौली में बीजेपी विधायक पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. गुस्साए युवकों ने विधायक की गाड़ी में जमकर तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी हुई. इसके अलावा बीकेयू कार्यकर्ताओं ने बीजेपी विधायक की गाड़ी पर काला तेल भी फेंका. किसानों ने बीजेपी विधायक पर ये गुस्सा पुलिस की मौजूदगी में उतारा. पहले तो विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू हुई और उसके बाद लोग हिंसा पर उतर आए.
बुढ़ाना विधानसभा से बीजेपी विधायक उमेश मलिक पर ये हमला हुआ. ये मामला किसानों की राजधानी सिसौली कस्बे का है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेता के विरोध का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई जाट बीजेपी नेताओं का जमकर विरोध हुआ और इस दौरान कई बार झड़प भी हुई.
BJP सांसद ने पुलिस को दिया अल्टीमेटम
बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने इस घटना को लेकर मुजफ्फरनगर एसएसपी को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने कहा कि,
"लोग ये वहम दिल से निकाल दें, हम यहीं मिलेंगे. कोई ये इलाका छोड़कर नहीं जाने वाला है. बिल्कुल वहम अपने दिमाग से निकाल दो और कप्तान साहब या तो आप कार्रवाई कर लो या फिर बीच से हट जाओ. सबको अपने कार्यकर्ता प्यारे हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं. उम्मीद करूंगा कि आज के बाद जनपद में कानून का राज कायम हो."
पश्चिम यूपी में कमजोर पड़ रही बीजेपी की पकड़?
2014 में मोदी वेव और जाटों के मजबूत समर्थन के दम पर भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्लीनस्वीप किया था. 2019 में भी BJP ने अपना प्रदर्शन बरकरार रखा और पश्चिम में अपना परचम फैलाया. इसके पीछे जाटों का समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था.
लेकिन किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में BJP की पकड़ कमजोर होती नजर आ रही है. इसका ताजा उदाहरण मुजफ्फरनगर में देखने को मिला जहां बुढ़ाना के बीजेपी विधायक उमेश मालिक भारतीय किसान यूनियन के गढ़ सिसौली गांव में एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे. उग्र भीड़ ने सिर्फ विरोध में नारे ही नहीं बल्कि उनके काफिले में तोड़फोड़ भी की.
गांवों में बीजेपी नेताओं का विरोध
कुछ दिनों पहले मेरठ में भी बीजेपी विधायक जितेंद्र सतवाई को एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था जिसमें वहां मौजूद पुलिस ने किसी तरीके से बीच-बचाव कराया था. कुछ महीने पहले फरवरी में विवादित कृषि कानूनों के फायदे बताने शामली पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. शामली के भैंसवाल में संजीव बालियान और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई थी. विरोध के बढ़ते स्वर को देखते हुए बीजेपी ने अपने नेताओं और मंत्रियों को गांव-गांव जाकर नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाने के लिए कहा था.
यूपी पंचायत चुनाव ने दिए संकेत
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में और खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है लेकिन भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय लोकदल के मुखर विरोध से उनकी कई जगह किरकिरी हुई है. यूपी पंचायत चुनाव में इस इलाके में बीजेपी की हार भी इसी ओर इशारा कर रही है. राष्ट्रीय लोक दल अपने भाईचारा सम्मेलन से जाट और मुसलमानों को दोबारा जोड़ने की कोशिश कर रहा है. बदलते समीकरण के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय जनता पार्टी जाटों को अपने साथ जोड़ कर रख पाएगी?
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