RLD के नए अध्यक्ष के तौर पर जयंत चौधरी की ताजपोशी हो गयी है. जयंत चौधरी ने अध्यक्ष पद संभालते ही संयुक्त किसान आंदोलन का समर्थन किया है. साथ ही कार्यकर्ताओं से बुधवार को किसान प्रदर्शन में हिस्सा लेने का आह्वान किया है. सरकार से मांग की है कि किसानों से वार्ता कर समस्या का जल्द कोई हल निकाले. चौधरी अजित सिंह के कोरोना संक्रमण से निधन के बाद मंगलवार को अब राष्ट्रीय लोकदल को नया मुखिया मिल गया. पार्टी ने वर्चुअल बैठक में जयंत चौधरी के नाम पर मुहर लगा दी.
पार्टी के सभी 34 सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया फैसला
पार्टी के सभी 34 सदस्य वर्चुअल माध्यम से जुड़े. राष्ट्रीय लोकदल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जयंत चौधरी के नाम पर मुहर लगा दी. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सभी नेता बैठक में वर्चुअली शामिल हुए. इन सभी ने पार्टी अध्यक्ष को लेकर अपनी-अपनी राय दी.
टीकाकरण पर जोर देने की जरूरत- जयंत चौधरी
देश में फैली कोरोना महामारी को लेकर जयंत चौधरी ने चिंता जताई. इससे निपटने के लिए गांवों में घर-घर टीकाकरण अभियान चलाए जाने की जरूरत पर बल दिया. कहा कि टीकाकरण के लिए पंजीकरण को सुलभ बनाने की भी आवश्यकता है. बैठक में राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने जयंत चौधरी का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया. पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव मुंशीराम पाल ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया. सभी सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके बाद जयंत चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह के बताए रास्ते पर चलते हुए गांव-किसानों के हित के लिए सदैव संघर्ष का संकल्प लिया.
1999 में बनी थी पार्टी
चौधरी अजित सिंह ने 1999 में राष्ट्रीय लोकदल का गठन किया था. वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. इस समय जयंत चौधरी के अलावा आठ राष्ट्रीय महासचिव, 14 सचिव, तीन प्रवक्ता और 11 कार्यकारिणी सदस्यों समेत 37 पदाधिकारी हैं. 15 साल के अपने राजनीतिक जीवन में जयंत ने पिता के बिना पहली बार कोई बैठक की.
(इनपुट: IANS)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)