बिहार में अब उर्वरक (खाद) को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं। कृषि मंत्री ने जहां केंद्र पर खाद की आपूर्ति कम करने का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने खाद की बिक्री व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने बुधवार को कहा कि भाजपा के सत्ता से बाहर हुए अभी एक महीने भी नहीं बीते हैं लेकिन बिहार सरकार के भ्रष्टतंत्र के अद्भुत व्यवस्था अभी से ही दिखनी शुरू हो गयी है। खेती के इस मौसम में यूरिया किसानों की जरुरत बनी हुई है लेकिन यूरिया बिक्री केंद्रों पर पहुंचने वाले किसानों को यूरिया के साथ जबरदस्ती छाता और मच्छरदानी खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है।
कहा जा रहा है आपको यूरिया तब ही मिलेगा जब आप साथ में कीटनाशक या कोई अन्य वस्तु खरीदेंगे। इस तरह से किसानों से जबरन 500-700 रूपए की अवैध वसूली की जा रही है।
डॉ जायसवाल ने कहा कि चंपारण मे यूरिया के साथ जबरन मच्छरदानी- छाता खरीदने पर विवश किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस विषय में जानकारी लेने पर पता चलता है कि दुकानदारों से ऐसा करवाया जा रहा है। ऐसा करने के लिए वह विवश हैं उनकी विवशता है, क्योंकि ऐसा करने के लिए जिला पदाधिकारियों और थोक विक्रेताओं द्वारा कहा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए इस कारण देते है कि किसान अपनी न्यूनतम व्यवस्थाएं पूरी कर सकें।
भाजपा किसान मोर्चा के पूरे प्रदेश भर के मंडल अध्यक्षों से अपील करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि यदि आपके प्रखंडों में भी अगर चंपारण की तरह धांधली चल रही है तो लिखित में प्रदेश को दें।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की धांधली केवल बिहार में हो रही है। इसमें सुधार के लिए हम बिहार सरकार को तीन दिनों की मोहलत देते हैं, अगर तीन दिनों में व्यवस्था ठीक नहीं की गई बिहार भाजपा किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में बिहार सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा।
उल्लेखनीय है इससे पहले कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा खाद की आपूर्ति कम की जा रही है।
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