बचपन से लोग यही देखते आए हैं कि शादी के वक्त दुल्हा घोड़ी पर सवार होकर बारात लेकर शादी करने आता है. लेकिन राजस्थान के झुंझुनूं ,नवलगढ़ में इस परंपरा को तोड़ते हुए एक दुल्हन खुद घोड़ी पर चढ़ी और धूमधाम से बारात लेकर पहुंची.
ये हैरान कर देने वाला मामला उस जगह का है, जहां महिलाओं को लेकर रूढ़िवादी सोच आज भी कायम है.राजस्थान की इस महिला ने उस रूढ़िवादी सोच और सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए समाज में भेदभाव के एजेंडे के खिलाफ एक नई मिसाल कायम की है.
लड़की की सोच ने बदला लोगों का नजरिया
घोड़ी पर बैठकर बारात ले जाने की वजह जब लड़की से पूछी गई, तो लड़की का कहना था कि ये कदम लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव खत्म करने के लिए उठाया गया है. लड़कियों को किसी भी चीज में कमतर नहीं आंकना चाहिए.
बारात में घोड़ी पर सवार लड़की को देखकर हर किसी को अचंभा जरूर हो रहा था, लेकिन एक तरफ लड़कियों के लिए एक नई सोच बन रही थी, दूसरी ओर उन्हें लेकर एक नया नजरिया उनके आने वाले कल को संवारने की तैयारी में जुट गया था.
इस बीच लोग टकटकी लगाए दूल्हे को तलाश रहे थे, लेकिन दूल्हा अपनी दुल्हन के फैसले का सम्मान करते हुए बारात लेकर सीधे वरमाला स्टेज पहुंचा. उन्होंने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और एक साथ जीने-मरने की कसमें खाईं.
इस देश में महिलाओं की स्थिति और उनके साथ किये जाने वाले व्यवहार में सुधार लाना हमारी सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में इस लड़की के इस कदम ने ये साबित कर दिया है कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं.
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