दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर मचे घमासान के बीच अब 1 सितंबर से पुरानी आबकारी व्यवस्था में परिवर्तन होने पर प्रदेश में 300 सरकारी शराब की दुकानें होंगी. ऐसे में अब आबकारी विभाग शराब की दुकानों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन 'आबकारी' शुरू करेगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि नई व्यवस्था में खोले गए प्राइवेट वेंडर्स का क्या होगा? हम मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में क्या जानते हैं? क्या शराब की कीमतें कम होंगी? यहां वह सब है जो आपको जानना आवश्यक है.
1 सितंबर को कितनी शराब की दुकानें खुलेंगी?
1 सितंबर से लागू हो रही पुरानी नीति के तहत करीब 300 शराब ठेके खुलेंगे. पहले सप्ताह के अंत तक 500 दुकानें चालू हो जाएंगी. 31 दिसंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में शराब की दुकानों की संख्या 700 हो जाएगी.
कहां खुलेंगी दुकानें?
बताया जा रहा है किकथित तौर पर मेट्रो स्टेशनों के पास के क्षेत्रों में कई नए स्टोर खुलेंगे, जहां यातायात अधिक है और सुरक्षा अधिक मजबूत है. अधिकारियों के मुताबिक, आबकारी विभाग ने छह मॉल में शराब की वेंडिंग मशीनों के लिए भी लाइसेंस दिए हैं. इसका संचालन भी 1 सितंबर से शुरू हो जाएगा.
कौन चलाएगा ये दुकानें?
दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC), दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTTDC), दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर (DCCWS) और दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DSCSC) राजधानी की शराब की दुकानें 1 सितंबर से चलाएंगे.
पुरानी व्यवस्था के दौरान खोले गए निजी वेंडरों का क्या होगा?
पुरानी व्यवस्था के तहत 31 अगस्त को निजी ठेके बंद हो जाएंगे. इसका मतलब यह हुआ कि ग्राहक केवल सरकार द्वारा संचालित जगहों पर ही शराब खरीद सकेंगे.
किसी को कैसे पता चलेगा कि नई शराब की दुकानें कहां हैं?
इस जानकारी तक पहुंचने का एक तरीका डिजिटल इंडिया पहल के तहत 'आबकारी' ऐप है. ऐप को 1 सितंबर से गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है और जल्द ही IOS पर उपलब्ध होगा.
ऐप में और क्या जानकारी होगी?
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि ऐप में शराब की उपलब्धता, खुदरा विक्रेताओं की सूची और उनका समय साथ ही इसमें कथित तौर पर "शराब की प्रामाणिकता" की जांच करने के लिए एक स्कैनर टूल भी होगा.
क्या शराब के दाम कम होंगे?
इस पर एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “मौजूदा आयात पास शुल्क, 1% वैट और 1% खुदरा शुल्क जाएगा. इसलिए शराब की MRP थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन बढ़ेगी नहीं. कीमतें कमोबेश वैसी ही होंगी, क्योंकि हमने किसी सप्लायर को क्वार्ट्स के दाम बढ़ाने की इजाजत नहीं दी है. ब्रांड्स का रजिस्ट्रेशन भी बढ़ना तय है.
किन ब्रांडों ने पंजीकृत किया है?
आवेदन करने वाले 60 में से कम से कम 44 निर्माताओं ने पंजीकरण कराया है. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अब तक पंजीकृत 360 शराब ब्रांडों में से 230 विदेशी ब्रांड हैं और शेष भारतीय निर्मित विदेशी शराब हैं."
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