दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को कोयला घोटाले में दोषी होने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि निर्दोष साबित नहीं होने तक किसी भी तरह के सार्वजनिक पद के लिये चुनाव लड़ने की अनुमति देना सही नहीं होगा.
बता दें कि सितंबर 2017 में चुनाव आयोग ने साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में खर्च का ब्योरा न देने के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया था. कोड़ा ने झारखंड की सिंहभूमि लोकसभा सीट से चुनाव जीता था.
चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था-
कोड़ा को कानून द्वारा जरूरी तरीके के हिसाब से अपने चुनाव खर्च का ब्योरा ना देने और इस तरह की नाकामी के लिए उनके पास कोई कारण या औचित्य ना होने को लेकर तीन साल तक चुनाव लड़ने की दृष्टि से अयोग्य करार दिया जाता है.
झूठा था चुनाव खर्च का ब्यौरा
आयोग में साल 2009 के बाद कथित रूप से चुनाव खर्च के झूठे दस्तावेज पेश करने के लिए कोड़ा के खिलाफ मामला चल रहा था. कोड़ा 2009 में निर्दलीय सांसद के रूप में निर्वाचित हुए थे और अक्टूबर, 2010 में चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछा था कि उन्हें इस आधार पर अयोग्य करार क्यों ना दिया जाए कि उन्होंने कथित रुप से 18,92,353 रुपये की वास्तविक राशि के उलट अपना चुनाव खर्च बहुत कम दिखाया था.
49 पन्नों के आदेश में कहा गया है कि झारखंड के नेता द्वारा जमा किए गए चुनाव खर्च का ब्यौरा झूठा था.
कोड़ा ने चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र पर सवाल खड़ा करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था लेकिन अदालत ने आयोग को नेता के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की मंजूरी दे दी थी.
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