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राजकोट के गेमिंग जोन में आग लगने से 27 की मौत, कैसे हुआ हादसा, चश्मदीदों ने बताया?

Rajkot Gaming Zone Fire Accident: पुलिस ने टीआरपी गेम जोन के मालिक और मैनेजर को हिरासत में ले लिया गया है.

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गुजरात (Gujarat) के राजकोट शहर (Rajkot Gaming Fire Incident) में 25 मई, शनिवार देर रात भीषण आग लग गई. हादसे में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई है. मौके पर पहुंची दमकल गाड़ियों ने करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. पुलिस ने टीआरपी गेमिंग जोन के मालिक और मैनेजर को हिरासत में लिया है. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है.

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कैसे भड़की आग?

अधिकारियों के मुताबिक, यह आग शॉर्ट सर्किट के वजह से लगी. वहीं एक चश्मदीद ने कहा कि मॉल में चल रहे वेल्डिंग के काम की वजह से पूरे गेमिंग जोन में आग भड़क गई.

राजकोट के जिला कलेक्टर प्रभाव जोशी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चूंकि गेमिंग जोन एक शेड के नीचे बनाया गया था, इसलिए वहां बहुत सारे एयर कंडीशनर लगे हुए थे. गर्मी की वजह से बिजली की वायरिंग लोड को संभालने में सक्षम नहीं रही होगी, जिससे शॉर्ट-सर्किट हुई और आग लग गई."

घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद पृथ्वीराज सिंह जडेजा ने दावा किया कि "ग्राउंड फ्लोर पर वेल्डिंग का काम चल रहा था और आग वहीं से लगी."

चश्मदीद ने कहा- 'आग कुछ ही सेकेंड में फैल गई...'

इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के दौरान TRP गेमिंग जोन में मौजूद यश पटोलिया ने कहा, 

"मॉल में रखी प्लाइवुड और दूसरी निर्माण सामग्री में अचानक आग लग गई. आग कुछ ही सेकेंड में फैल गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. कुछ कर्मचारियों ने आग बुझाने वाले यंत्रों का इस्तेमाल करके आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ"

चश्मदीद ने घटना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि "ग्राउंड फ्लोर पर रिसेप्शन एरिया था और उसके ऊपर की मंजिल पर ट्रैम्पोलिन, बॉलिंग जैसी सुविधाएं थीं. लोगों को बचाने के लिए हमने ऊपर के मंजिल पर जाने की कोशिश की लेकिन वह एरिया धुएं से पूरी तरह भर चुका था."

"हादसे के वक्त पहले मंजिल पर बच्चों सहित करीब 70 से 80 लोग मौजूद थे."
- पृथ्वीराज सिंह जडेजा

जांच के लिए SIT का गठन, 72 घंटे के भीतर मांगी रिपोर्ट

सीएम पटेल ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में जानकारी दी कि घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. राज्य सरकार ने 72 घंटे के भीतर SIT से जांच की रिपोर्ट मांगी है.

ADGP त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली एसआईटी में तकनीकी शिक्षा आयुक्त बीएन पाणि, गांधीनगर स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक एचपी संघवी, अहमदाबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी जेएन खड़िया और सड़क एवं भवन विभाग के अधीक्षण अभियंता एमबी देसाई शामिल हैं.

ADGP सुभाष त्रिवेदी ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि "यह दुखद घटना है. इसकी जांच के लिए एसआईटी टीम गठित की गई है... किस विभाग ने क्या किया. इसके लिए कौन जिम्मेदार है और क्या-क्या गलतियां हुई हैं. इसकी पूरी जांच की जाएगी. भविष्य में ऐसे हालात फिर से न बने इसके लिए काम कर रहे हैं "

गेम जोन के पास फायर एनओसी नहीं थी, हिरासत में मालिक

पुलिस के मुताबिक, ​​​​​​टीआरपी गेम जोन के पास फायर एनओसी नहीं थी. मेयर नयना पेधाडिया ने कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि बिना फायर एनओसी के इतना बड़ा गेमिंग जोन कैसे चल रहा था. वहीं जानकारी के मुताबिक,

पुलिस ने गेमिंग जोन के मैनेजर 'नितिन जैन' और मालिक 'युवराजसिंह सोलंकी' को हिरासत में ले लिया है. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.
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मृतकों के परिजन को 4 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जानकारी दी कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देगी.

बता दें, घायलों का इलाज राजकोट स्थित AIIMS में चल रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने भी 'एक्स' पर कहा, "घायलों के बेहतरीन इलाज के लिए एम्स राजकोट में 30 आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं. इसके साथ ही एम्स को पूरी मदद मुहैया कराने के निर्देश भी दिए गए हैं."

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने 26 मई, रविवार को घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. सीएम ने अस्पताल पहुंच घायलों की भी सुध ली.

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घटना पर राजनीति गर्म 

इनडोर गेम जोन में आग लगने की घटना के बाद विपक्ष राजनीतिक पार्टियां राज्य सरकार पर हमलावर हो गई हैं. कांग्रेस प्रमुख और राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने एक वीडियो बयान जारी कर घटना में 'लापरवाही' के लिए सरकार की आलोचना की.

सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, "बच्चे जलकर राख हो गए हैं... कहा जा रहा है कि शवों की पहचान नहीं हो पा रही है... डीएनए जांच की आवश्यकता हो सकती है. चाहे वह मोरबी पुल हो, पालनपुर पुल, वडोदरा नाव पलटना, सूरत की एक इमारत में आग लगने जैसी घटना हो - अगर इसे लापरवाही नहीं कहेंगे और क्या कहेंगे"

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