इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने 18 जुलाई को केरल सरकार (Kerala Government) द्वारा बकरीद (Bakrid) के मद्देनजर लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट देने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सरकार अपना आदेश वापस नहीं लेती है तो वे सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होंगे.
IMA ने कहा कि राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केरल सरकार के फैसले से उन्हें 'दुख' हुआ है और केरल सरकार यह निर्णय तब ले रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी सामूहिक समारोह के खिलाफ चेतावनी दी थी और कई राज्यों ने तीर्थ यात्रा रद्द कर दी है.
IMA ने अपने बयान में कहा "जब जम्मू-कश्मीर ,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई उत्तरी राज्यों ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर परंपरिक और लोकप्रिय तीर्थ यात्राओं को रोक दिया है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल के विद्वान राज्य ने यह निर्णय लिया है"
सरकार ने बकरीद के लिए दी है लॉकडाउन में 3 दिन की छूट
केरल सरकार ने घोषणा की थी कि राज्य में 21 जुलाई को मनाए जा रहे बकरीद को देखते हुए 18 जुलाई से 20 जुलाई तक लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट दी जाएगी.
इस बीच कपड़े, जूते ,आभूषण, गिफ्ट, घरेलू उपकरण बेचने वाले दुकानों और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा मरम्मत के सामान बेचने वाले आउटलेट्स को खोलने की अनुमति रहेगी.
हालांकि केरल की पिनाराई विजयन सरकार ने कोरोना की गंभीर स्थिति को दूर करने के लिए लॉकडाउन प्रतिबंधों की जरूरत पर बल दिया लेकिन 17 जुलाई को उन्होंने बकरीद के लिए छूट देने के साथ-साथ फिल्मों की शूटिंग और पूजा स्थलों को भी लॉकडाउन संबंधित छूट देने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन चाहे कितने भी सीमित क्यों ना हों वे बड़ी आर्थिक और सामाजिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं और इसलिए प्रतिदिन कोविड-19 संक्रमण के आते डेटा के विश्लेषण के बाद कुछ छूटों की अनुमति दी जा रही है.
गौरतलब है कि केरल में 17 जुलाई को कोविड-19 के 16,148 नए मामले दर्ज किए गए जबकि 114 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई .राज्य में अब भी पॉजिटिविटी रेट 10.76 का है.
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