मध्यप्रदेश के सतना जिले (Satna, Madhya Pradesh) का एक वीडियो सोशल पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने सरकारी खरीद वाली गेंहू की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. सतना जिले के एक गोदाम का बताए जा रहे इस वीडियो में दिख रहा है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेंहू का वजन बढ़ाने के लिए रेत और धूल मिलाई जा रही है. वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासनिक स्तर पर मिलावट की बात सही पाई गयी है और मामले में FIR दर्ज हुई है. वहीं क्विंट हिंदी से बात करते हुए इस गोदाम के सहायक प्रबंधन ने वीडियो को 'साजिश' करार दिया है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देशभर में खाद्यान्नों का वितरण करने वाली भारतीय खाद्य निगम (FSI) और राजस्व की संयुक्त टीम ने जांच करने के लिए इस गोदाम का दौरा किया है. जबकि महिला स्वसहायता समूह के अध्यक्ष और खरीदी केंद्र प्रभारी पर FIR दर्ज हुई है.
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो कथित तौर पर सतना जिले के रामपुरबघेलान क्षेत्र के बांधा गांव के एक सरकारी गोदाम का है, जिसमें समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का भंडारण होता है. इस गोदाम में पिछले दो साल में समर्थन मूल्य पर 7 लाख क्विंटल गेहूं खरीदा गया है और अब यह गेहूं जिले से बाहर भेजा जा रहा. अब तक करीब तीन लाख क्विंटल गेहूं को भरतीय खाद्य निगम के माध्यम से अन्य जिलों में भेजा जा चुका और अभी भी ये ट्रांसफर जारी है.
लेकिन इस वायरल वीडियो में दिख रहा है कि गेहूं में धूल और रेत मिलाई जा रही है. वीडियो में दिख रहा है कि बकायदा टैक्टर में रेत और धूल मौजूद है जिसे गेहूं में मिलाया जा रहा है.
क्विंट हिंदी जब इसी कथित मिलावट की पड़ताल करने बांधा स्थित गोदाम पहुंचा तो हमें वीडियो में दिखने वाला टैक्टर वहां मौजूद मिला और कैंपस भी वही दिखा जो वायरल वीडियो में नजर आ रहा है.
हालांकि इस मामले में इस गोदाम के सहायक प्रबंधन ज्योति दास वीडियो को साजिश बता रहे हैं.
"यह किसी की साजिश हो सकती है. हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं होता. हम यहां सब काम नियम के हिसाब से कर रहे हैं. यहां 3 महीने में हमने 2 लाख 90 हजार क्विंटल गेंहू सप्लाई कर दिया है. लेकिन आजतक ऐसी कोई शिकायत नहीं आई. हो सकता है किसी ने कुछ किया हो क्योंकि मैं पिछले 15 दिन से छुट्टी पर था. कोई कुछ भी कर सकता है."ज्योति दास, गोदाम के सहायक प्रबंधन
उनका दावा है कि यहां भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी क्वॉलिटी जांच के लिए आते रहते हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा ट्रैक्टर उनके गोदाम का ही है. हालांकि उन्होंने कहा कि "हमने पिछले साल मार्च में भी गेंहू सप्लाई किया था. हमें आईडिया नहीं है कि यह वीडियो कबका है".
रामपुरबघेलान के तहसीलदार अजयराज सिंह ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि "सोशल मीडिया के माध्यम से यह वीडियो मैंने देखा है. हमने संबंधित अधिकारियों को भेजा है और मामले की जांच कराई जा रही है."
प्रशासनिक जांच में मिलावट की बात सिद्ध हुई, जिसके बाद महिला स्वसहायता समूह के अध्यक्ष और खरीदी केंद्र प्रभारी पर FIR दर्ज हुई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)