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MP सरकार को रानी कमलापति की कितनी परवाह, उनके किले की तस्वीरें खोल रही पोल

PM मोदी 15 नवंबर को भोपाल में नए हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन करेंगे, जिसका नाम अब रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया है.

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वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को मध्य प्रदेश के भोपाल में नए हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन किया. इस स्टेशन का नाम जनजातीय वर्ग के गोंड समाज की रानी कमलापति नाम पर रखा गया है. आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती पर पीएम मोदी ने इस नए रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया. स्टेशन को आधुनिक बनाने की कवायद में स्टेशन का नाम बदलकर अब रानी कमलापति के नाम पर रख तो जरूर दिया गया है, लेकिन उनकी धरोहर आज भी खस्ताहाल है. सीहोर में उनका किला जर्जर हालत में है, लेकिन स्टेशन चमकाने वाली सरकार का इस ओर ध्यान नहीं गया है.

ये ऐतिहासिक किला सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर और बुधनी विधानसभा के अंतर्गत आता है.

सीहोर जिले के गिन्नौर गढ़ में रानी कमलापति का किला जर्जर हालत में है. सरकार के सारे महकमे, चाहे वो पर्यटन विभाग हो संस्कृति विभाग या फिर स्थानीय जिला प्रशासन, किसी ने भी आज तक इस किले की सुध नहीं ली है और न ही इसका जीणोद्धार करने की सोची है.

हालांकि, विंध्य पर्वत की श्रेणियों में एक पहाड़ी पर स्थित ये किला सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लेकिन देखरेख के अभाव में किला दिन-ब-दिन खस्ताहाल होता जा रहा है. किले तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ता है.

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खजाने की खोज के कारण तबाही

खजाने की तलाश में किले में खुदाई करने से इसे काफी नुकसान पहुंचा है. लोगों का कहना है कि सरकार को इस महल को ठीक करने करने पर भी सोचना चाहिए. क्षेत्र से मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी कमलापति का महल उपेक्षा का दंश झेल रहा है. वहीं, अब लोगों को उम्मीद है कि रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के बाद सरकार अब इस किले की भी सुध लेगी.

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हबीबगंज रेलवे स्टेशन को मिला नया नाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को इस पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे. आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चौहान आदिवासी समुदायों की एक जनसभा को संबोधित करेंगे और आदिवासियों पर केंद्रित कई योजनाओं की घोषणा करेंगे. बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाई जा रही है.

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