कोरोना संकट के बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ईवनिंग डिस्पेंसरी योजना कई जगह बंद पड़ी है. बताया जा रहा है कि डॉक्टरों के मौजूद न होने की वजह से ऐसा हो रहा है.
ये सब तब हो रहा है, जब हाल ही में बीएमसी के कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर प्राइवेट हॉस्पिटल या नर्सिंग होम चालू नहीं होते तो उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या बीएमसी अपनी ईवनिंग डिस्पेंसरी योजना को लेकर भी इस तरह का रुख अपनाएगी?
बता दें कि पिछले साल बीएमसी ने सिविक-रन हॉस्पिटल्स से भार को कम करने के लिए ईवनिंग डिस्पेंसरी शुरू करने का फैसला किया था.
फिलहाल डिस्पेंसरी बंद होने के मामले पर कोलाबा के एक सीनियर मेडिकल अधिकारी ने बीएमसी को लिखे लेटर में शिकायत की है कि 11 मार्च 2020 से मेडिकल ऑफिसर और ऑफिस अटेंडेंट कोलाबा ईवनिंग डिस्पेंसरी नहीं आ रहे हैं.
इस योजना में वेंडर रूबी हेल्थ क्लिनिक के मुंबई इंचार्ज डॉक्टर शैलेश का कहना है, ''हमें 15 ईवनिंग क्लीनिक का काम मिला था, 6 जगह काम शुरू है. बाकी जगह के डॉक्टर लॉकडाउन की वजह से शहर से बाहर अटके हुए हैं, इसलिए काम बंद है. समस्या का समाधान करने की कोशिश चल रही है, बीएमसी को भी सूचित किया गया है.'' इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके एक डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव भी हैं, फिलहाल जहां काम शुरू है, वहां बीएमसी ने पीपीई किट्स उपलब्ध कराई हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में अब तक COVID-19 के 41000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, जबकि इसके चलते 1450 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
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