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मुंबई: वैक्सीन टेंडर के लिए कोई न आया आगे, नियम बदलने को तैयार BMC

राज्यों के अलग-अलग ग्लोबल टेंडरिंग में हिस्सा लेने से ग्लोबल वैक्सीन मार्केट में प्रतियोगिता बढ़ी है

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वीडियो एडिटर- पूर्णेंदु प्रीतम

BMC ने वैक्सीन सप्लाई के लिए ग्लोबल टेंडर की समयसीमा एक हफ्ते बढ़ाकर 25 मई कर दी है. विदेशी वैक्सीन कंपनियों से कोई बोली ना आने की वजह से बीएमसी प्रशासन को ये फैसला लेना पड़ा. एक करोड़ वैक्सीन खरीदने के लिए BMC ने 18 मई तक बिडिंग की समय सीमा तय की थी. वहीं बीएमसी अब नियमों में बदलाव करने के लिए भी तैयार है.

हालांकि इसके बाद स्पुतनिक वी की आपूर्ति करने वाले तीन वितरकों ने 1 करोड़ वैक्सीन खुराक की खरीद के लिए बीएमसी के टेंडर में रुचि दिखाई है, इनमें से दो हैदराबाद स्थित फर्म हैं, एक अन्य यूके की फैसिलिटेटर है. हालांकि, उनके प्रस्ताव अधूरे हैं और निगम ने और दस्तावेज मांगे हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, ये प्रतिक्रियाएं बोली जमा करने की समय सीमा बढ़ाने के फैसले के बाद मिली थीं.

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BMC के एडिशनल कमिश्नर पी. वेलरसु ने क्विंट हिंदी को बताया-

“12 मई को BMC ने ग्लोबल मार्केट से कोविड -19 वैक्सीन खरीदने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी किया था. जिसके मुताबिक 16 मई तक आवेदन स्वीकार करने के लिए कंपनियों को शंकाएं और सुझाव देने थे. लेकिन किसी भी वैश्विक कंपनी ने 18 मई तक कोई आवेदन नहीं किया. जिसकी वजह से निगम प्रशासन ने समय सीमा बढ़ाकर कुछ देर और प्रतीक्षा करने का निर्णय लिया है”
पी. वेलरसु, एडिशनल कमिश्नर, BMC

नियमों को आसान बनाने की कवायद

इसके पहले विपक्षी पार्टी के पार्षदों ने BMC के ग्लोबल टेंडर की कुछ शर्तों पर सवाल उठाए थे. उनका मानना था कि BMC ने ऐसी शर्तें रखी है, जिसमें शायद ही कोई विदेशी कंपनी रुचि दिखाए. जिसके चलते 14 मई को निगम प्रशासन ने टेंडर की शर्तों को आसान बनाने के लिए 'रिक्वेस्ट ऑफ डेविएशन' का नोटिस दिया था. इसके तहत टेंडर में रुचि रखनेवाली कंपनियों को कुछ शर्तों से छूट की सहूलियत मिलने के आसार थे. हालांकि छूट का दायरा और अधिकार पूरी तरह से BMC के पास होगा ये नोटिस में साफ कर दिया गया था.

'मंजूरी ना मिलने की वजह से कंपनियां नहीं कर रही आवेदन'

बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि- "इस ग्लोबल टेंडर के जरिये BMC मुंबई के लिए फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और स्पुतनिक वी जैसे वैक्सीन कंपनियों से आवेदन की अपेक्षा कर रही थी. लेकिन स्पुतनिक वी को छोड़कर देश में दूसरे किसी वैक्सीन को आपूर्ति की इजाजत नहीं मिली है. जिस वजह से इस टेंडर में किसी कंपनी ने हिस्सा नहीं लिया."

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'ग्लोबल टेंडर के लिए एक नीति तैयार हो': शिवसेना सांसद

इस बीच शिवसेना के सांसद राहुल शेवाले ने प्रधानमंत्री मोदी से ग्लोबल टेंडरिंग के लिए यूनिफॉर्म पॉलिसी ड्राफ्ट की लिखित मांग की है. शेवाले का कहना है कि अन्य महानगर निगम और कई राज्यों को ICMR और DCGI की सहमति बगैर ग्लोबल टेंडर रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है. साथ ही बाहर से आने वाली सभी वैक्सीन के टैक्स कम करके देशभर के लिए वैक्सीन की एक ही कीमत तय करनी चाहिए.

राज्यों के अलग-अलग ग्लोबल टेंडरिंग में हिस्सा लेने से ग्लोबल मार्केट में प्रतियोगिता बढ़ी है. अब केंद्र को ऐसी कोई नीति इजाद करनी होगी जिससे राज्य मिलकर वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर जारी कर सकें.

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क्या थीं बीएमसी के ग्लोबल टेंडर की शर्ते?

12 मई से 18 मई तक बीएमसी का ग्लोबल टेंडर बिडिंग के लिए खुला रहा. लेकिन किसी भी विदेशी वैक्सीन कंपनी ने आवेदन नहीं किया. बीएमसी के नियमों के मुताबिक वर्क ऑर्डर देने के बाद अगले तीन हफ्तों में वैक्सीन की सप्लाई करना जरूरी होगा. इसके अलावा बोली लगाने वाली कंपनी को DCGI और ICMR के सभी नियमों का पालन कर इजाजत लेना जरूरी होगा. बीएमसी ने ऐसे ही कई सारे सख्त नियम बनाए थे-

  • वैक्सीन कंपनी को सभी टैक्स के साथ प्रति वैक्सीन की कीमत कोट करना होगा.
  • बीएमसी के पास फिलहाल जितने कोल्ड स्टोरेजेस है उससे ज्यादा की जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड चैन्स की व्यवस्था आपूर्तिकर्ता कंपनी को पूरी करनी होगी
  • पहली पसंद की कंपनी अगर तय समय सीमा में वैक्सीन की आपूर्ति नहीं कर सकी तो दूसरे पसंद की कंपनी का विचार किया जाएगा.
  • वैक्सीन खरीदने के लिए किसी भी तरह का एडवांस पेमेंट नही किया जाएगा.
  • अगर वैक्सीन की आपूर्ति तय समय सीमा में नहीं की गई तो वैक्सीन की खेप मिलने तक प्रतिदिन 1% या फिर पूरे कॉन्ट्रैक्ट का 10%, इनमें से जो अधिक होगा उस हिसाब से कंपनी पर जुर्माना लगाया जाएगा.
  • वैक्सीन आपूर्ति में गड़बड़ी या फिर वैक्सीन का दर्जा खराब निकला तो कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की बीएमसी ने अपने शर्तो में लिखा था कि भारत से जमीनी सीमाओं को साझा करनेवाले देशों की कंपनियां इस टेंडर में बोली नहीं लगा पाएगी. जिससे साफ है कि चीन के वैक्सीन को मुंबई में एंट्री नहीं मिलने वाली है.

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