श्रीनगर और कश्मीर घाटी में संवेदनशील जगहों पर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किए हैं. सुरक्षा के मद्देनजर ऐहतियातन यह कदम उठाया गया है.
रविवार को शोपियां और अनंतनाग जिले में 13 आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद से घाटी में तनाव बरकरार है. अलगाववादियों ने रविवार और सोमवार को कश्मीर में बंद का आह्वान किया था.
जन-जीवन प्रभावित
कश्मीर घाटी में जारी तनाव के बीच प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने और बुधवार को होने वाली परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. ट्रेन सेवाएं भी लगातार तीसरे दिन बंद रहीं. व्यस्त रहने वाले श्रीनगर-सोनमर्ग रोड पर दूसरे दिन बुधवार को भी परिवहन बंद रहा.
सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासिन मलिक के अगुवाई वाले अलगाववादी संगठन जॉइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने स्थानीय लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए शोपियां तक मार्च निकालने का ऐलान किया है.
गिलानी और मीरवाइज को विरोध प्रदर्शनों और मार्च में शामिल होने देने से रोकने के लिए घर में नजरबंद रखा गया है, जबकि मलिक को श्रीनगर के केंद्रीय कारागार में बंद किया गया है. श्रीनगर और कश्मीर घाटी के दूसरे प्रमुख शहरों में ज्यादातर दुकानें, सार्वजनिक परिवहन और दूसरे प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं. हालांकि, श्रीनगर के उपनगरीय और बाहरी इलाकों में निजी परिवहन चल रहे हैं.
कंगन में तनाव
गांदरबल जिले के कंगन में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 23 वर्षीय युवक को बुधवार तड़के दफना दिया गया. युवक की मौत के बाद गांदरबल जिले में बंद के चलते सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ.
गांदरबल के जिला मजिस्ट्रेट ने युवक की हत्या के संबंध में एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जबकि पुलिस ने भी घटना के तथ्यों का पता लगाने के लिए विभागीय जांच का आदेश दिया है. बता दें कि कंगन में मंगलवार को युवक का शव पहुंचते ही हिंसा भड़क उठी थी.
क्यों है तनाव का माहौल?
रविवार को कश्मीर के शोपियां जिले में दो जगहों पर और दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक जगह पर सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच जबर्दस्त मुठभेड़ हुई. ये मुठभेड़ हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुए सबसे घातक मुठभेड़ों में से एक है.
इन मुठभेड़ों में 13 आतंकवादी ढेर कर दिए गए, जबकि गोलीबारी के चपेट में आकर चार नागरिकों की मौत हो गई. मुठभेड़ के दौरान सेना के तीन जवान शहीद हो गए. गोलीबारी के दौरान, बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक अपने घरों से बाहर आ गए थे, और उन्होंने आतंकियों को बचाने के लिए सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की.
(इनपुट: IANS)
देखें तस्वीरें - शोपियां और अनंतनाग में आतंकियों के एनकाउंटर की तस्वीरें
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)