उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर (Mirzapur) से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मामला लोहंदी कला का है, जहां एक गर्भवती महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया. दरअसल, जब महिला डिलीवरी के लिए नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो वहां ताला लटका था. न तो कोई डॉक्टर मौजूद था न ही नर्स. जिसके बाद पीएचसी के गेट पर ही महिला की डिलीवरी हुई.
सीएमओ ने लिया एक्शन
इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. वायरल वीडियो के आधार पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने संज्ञान लिया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेंद्र प्रसाद को मामले की जांच के निर्देश दिए. जांच में स्टाफ नर्स और एंबुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (EMT) की लापरवाही सामने आई है. जिसके बाद दोनों की सेवा समाप्त कर दी गई है. वहीं प्रभारी चिकित्साधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव
दरअसल, देहात कोतवाली क्षेत्र के टांडा फाल की रहने वाली महिला को सोमवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई. इसके बाद वह एंबुलेंस से न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोहंदी कला पहुंची. लेकिन अस्पताल बंद होने की वजह से बाहर ही डिलीवरी करनी पड़ी. इसके बाद भी महिला काफी देर तक अपने परिजनों के साथ अस्पताल गेट के पास ही पड़ी रही. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि संविदा स्टाफ नर्स रेनू जोशी प्रसव के समय अनुपस्थित थी, जो कि बड़ी लापरवाही है. वहीं 108 एंबुलेंस EMT ने प्रसूता को बिना स्ट्रेचर के ही एंबुलेंस से उतारा और डॉक्टर को हैंडओवर किए बिना ही चला गया.
इसके साथ ही CMO ने बताया कि, EMT अभिषेक कुमार ने प्रसूता का वीडियो बनाकर उसे वायरल भी कर दिया, जो कि अत्यंत ही आपत्तिजनक एवं राजकीय कार्यो के प्रति घोर लापरवाही दर्शाता है.
मुख्य चिकित्साधिकारी ने आगे बताया कि प्रभारी चिकित्साधिकारी को राजकीय कार्य में लापरवाही के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और पूरे मामले को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
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