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वाराणसीः मां दुर्गा पर सोशल मीडिया पोस्ट प्रोफेसर पर पड़ी भारी, हुए बर्खास्त

काशी विद्यापीठ के गेस्ट प्रोफेसर के खिलाफ आक्रोशित छात्रों ने प्रदर्शन किया और तोड़फोड़ भी की.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi vidya pith) के गेस्ट लेक्चरर ने सोशल मीडिया पर नवरात्र को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध में हंगामा शुरू कर दिया. मां आदिशक्ति को लेकर किए गए पोस्ट को लेकर छात्र सड़क पर उतरे और तोड़फोड़ की. विश्वविद्यालय में विरोध-प्रदर्शन और तोड़फोड़ की सूचना पर पहुंचे इंस्पेक्टर सिगरा ने छात्रों को समझाया लेकिन छात्र गेस्ट लेक्चरर को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े थे.

छात्रों के रुख को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम को बर्खास्त कर दिया. साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी. सिगरा थाना पुलिस टीम और विश्वविद्यालय प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
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क्या है पूरा मामला?

नवरात्र के दौरान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एक रिसर्च स्कॉलर और एडहॉक पर रखे गये प्राध्यापक ने सोशल मीडिया पर मां दुर्गा के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किया था. गुरूवार के इस पोस्ट को देखकर छात्र भड़क गए. छात्र नेताओं के नेतृत्व में विश्वविद्यालय परिसर में जुलूस निकालकर छात्रों ने प्रशासनिक भवन के पास नारेबाजी और तोड़फोड़ शुरू कर दी. छात्रों ने आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने और विश्वविद्यालय से निष्कासन करने की मांग की.

उन्होंने विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की. पूर्व छात्र नेता शशांक सिंह रघुवंशी ने कहा कि गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम इसी विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर हैं. इसी विश्वविद्यालय  के एक वरिष्ठ प्राध्यापक ने उनको एडहाक पर प्राध्यापक नियुक्त करा दिया. मिथिलेश गौतम शुरू से ही सनातन धर्म के खिलाफ अपनी सोशल साईट पर आपत्तिजनक पोस्ट करते रहे.

प्रोफेसर ने सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट किया था?

छात्रों ने बताया कि नवरात्र में उन्होंने मां दुर्गा पर बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किया है. पोस्ट में कहा गया है कि "महिषासुर बंग देश के राजा थे, देवराज इंद्र बंग देश पर अधिपत्य जमाना चाहते थे. उन्होंने काफी प्रयास किया लेकिन महिषासुर को हरा नहीं सके, तब देवताओं ने महिषासुर को मारने की योजना बनाई. अविवाहित दुर्गा की शादी कराई गई और धोखे से महिषासुर का वध कर दिया गया. इसलिए महिलाओं को नौ दिन का व्रत नहीं रखना चाहिए. महिसाषुर को मिथिलेश गौतम ने दलितों, पिछड़ों का पूर्वज बताया. इस पोस्ट के बाद छात्र भड़क गए.

इनपुट- चंदन पांडेय

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