सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है जिसमें 3 लोगों को खेत में सब्जियों में इंजेक्शन लगाते देखा जा सकता है. वीडियो रिकॉर्ड करने वाले शख्स के सवाल पूछने पर तीनों कहते दिख रहे हैं कि वो कीड़ों की दवा डाल रहे हैं.
इसके बाद, ये तीनों शख्स वीडियो रिकॉर्ड करने वाले शख्स से बहस करते और झगड़ते भी दिख रहे हैं.
क्या है दावा?: वीडियो को NCIB Headquarters नाम के एनजीओ के X अकाउंट से शेयर कर कैप्शन में लिखा गया है, ''किसान के भेष में छिपे हुए शैतान, जिन्हें हम अन्नदाता कहकर पूजते है, उन्हीं के बीच में छिपे हुए कुछ स्वार्थी लोग जिन्हें देशद्रोही कहना गलत नहीं होगा, वो हमारे नसों में जहर घोल रहे हैं। सरकार को चाहिए कि हर शहर/ गाँव स्तर पर ऐसे लोगों चिन्हित करके रासुका की कार्यवाही करें।''
सच क्या है?: वायरल वीडियो असली घटना का नहीं, बल्कि स्क्रिप्टेड है.
वीडियो के लंबे वर्जन में दिए गए डिसक्लेमर में ये भी बताया गया है कि वीडियो को 'जागरूकता' के लिए बनाया गया है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें इस वीडियो का लंबा वर्जन 'कृषि विकाश, Green Organic Nepal' नाम के एक फेसबुक पेज पर मिला, जहां इसे 1 सितंबर को अपलोड किया गया था. हालांकि, यहां भी वायरल दावे से ही मिलता जुलता दावा किया गया था.
फिर से रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Fatima Bonatto नाम के एक और फेसबुक पेज पर इसी वीडियो का एक और लंबा वर्जन मिला था.
यहां वीडियो के 3 मिनट 7वें सेकेंड पर एक धुंधला सा डिसक्लेमर दिख रहा है.
इसके अलावा, कैप्शन में भी डिसक्लेमर लिखकर बताया गया है कि इसे जागरूकता के लिए बनाया गया है.
इस पेज पर और भी वीडियो थे, जिनमें उन्हीं लोगों को देखा जा सकता है जो वायरल वीडियो में दिख रहे हैं. ये वीडियो आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
यहां तक वीडियो में रिकॉर्ड करने वाले शख्स की आवाज भी सबमें एक जैसी ही है.
(तुलना देखने के लिए स्वाइप करें)
इसके अलावा, इस फेसबुक पेज के बायो में भी ये बताया गया है कि यहां डाला गया हर वीडियो स्क्रिप्टेड है.
निष्कर्ष: साफ है कि सब्जियों में इंजेक्शन लगाकर उन्हें बड़ा करने की कोशिश करते दिख रहे लोगों का स्क्रिप्टेड वीडियो असली का बताकर शेयर किया जा रहा है.
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