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मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले का बताकर वायरल वीडियो का सच

वीडियो को किसान आंदोलन से जोड़कर दावा किया जा रहा है कि खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर पर हमला किया

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें कुछ लोग लाठी, डंडे. पत्थर लेकर मंदिर में घुसते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो मंदिर पर हुए कुछ खालिस्तान (Khalistan) समर्थकों के हमले का है. कई यूजर इस वीडियो को हाल में दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जोड़कर भी शेयर कर रहे हैं.

यही दावा करते अन्य पोस्ट्स के अर्काइव यहां और यहां देखें.

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क्या ये सच है ? : वायरल वीडियो अप्रैल 2022 का है. इसमें शिवसेना की खालिस्तान विरोधी रैली में शामिल कार्यकर्ता और सिख समूहों के बीच झड़प होती दिख रही है.

हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल वीडियो में हमें एक बोर्ड पर 'काली देवी मंदिर' लिखा दिखा. यहां से अंदाजा लेकर हमने इस मंदिर में हुई हिंसा से जुड़ी रिपोर्ट्स सर्च कीं.

हमें 30 अप्रैल की कुछ वीडियो रिपोर्ट्स में वायरल वीडियो से मिलते हुए विजुअल मिले. रिपोर्ट्स में जानकारी दी गई थी कि मामला पंजाब के पटियाला में हुई शिवसेना की खालिस्तान विरोधी रैली के बाद हुई झड़प का है.

29-30 अप्रैल 2022 को मामले को लेकर मीडिया में कई रिपोर्ट्स छपी थीं. हमने वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों को उन वीडियो रिपोर्ट्स में ढूंढा. ऐसे 3 लोग चिन्हित हुए जो वायरल वीडियो में भी हैं और मीडिया संस्थानों की वीडियो रिपोर्ट में भी. इससे साफ होता है कि वीडियो पानीपत में शिवसेना और सिख समूह के बीच हुई झड़प का ही है.

पहला शख्स 

वायरल वीडियो में नीले रंग की चेक वाली शर्ट और काली पगड़ी पहने दिख रहा ये शख्स हमें मोजो स्टोरी की 29 अप्रैल 2022 की वीडियो रिपोर्ट में भी दिखा.

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दूसरा शख्स 

वायरल वीडियो में आसमानी रंग का कुर्ता, पीली पगड़ी और केसरिया रंग का गमछा डाले ये शख्स द क्विंट की 29 अप्रैल 2022 की रिपोर्ट में भी है.

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तीसरा शख्स 

वायरल वीडियो में लाल रंग की चेक वाली शर्ट और पीली पगड़ी में दिख रहा ये शख्स मोजो स्टोरी की रिपोर्ट में भी दिख रहा है.

साफ है कि ये विजुअल पटियाला में 29 अक्टूबर को शिवसेना और सिख समूह के बीच हुई हिंसा के हैं.
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29 अप्रैल 2022 को पटियाला में हुआ क्या था ? : पटियाला में स्थित काली माता मंदिर के पास शिव सेना (हिंदुस्तान) कैडर और सिख कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी. शिवसेना के नेता हरीष सिंगला के नेतृत्व में ये खालिस्तान-विरोधी रैली निकाली गई थी. कथित तौर पर सिख कार्यकर्ताओं ने शिवसेना की रैली का विरोध किया गया, जिसके बाद टकराव बढ़ गया.

सिंगला को शिवसेना ने निष्कासित कर दिया था. पंजाब में शिवसेना के संगठन ने कहा था कि सिंगला की रैली का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.

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निष्कर्ष : मतलब साफ है, हालिया घटना का बताकर शेयर किया जा रहा वीडियो असल में 2 साल पुराना है. इसमें शिवसेना के कार्यकर्ता और सिखों के समूह के बीच झड़प होती दिख रही है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 , या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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