सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स कुर्ता-टोपी पहने हुए व्यक्ति को कई बार थप्पड़ मारता है. वीडियो को भारत का बताकर साम्प्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
क्या यह दावा सही है ? यह वीडियो भारत का नहीं बांग्लादेश का है. इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. मामले में आरोपी और पीड़ित दोनों ही मुस्लिम समुदाय से हैं.
वीडियो में नजर आ रहे बुजुर्ग का नाम अल्हाज अब्दुर रशीद है, जो बांग्लादेश के बरगुना जिले में स्वतंत्रता सेनानी संघ के पूर्व कमांडर है.
वीडियो में मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट करने वाले शख्स का नाम शॉन मोल्ला है जो बरगुना जिला बीएनपी (BNP) के पूर्व अध्यक्ष फारूक हुसैन मोल्ला के बेटे हैं. यह घटना 08 सितंबर 2024 की है.
Google Maps की मदद से वेरिफाई करने पर हमने पाया कि यह वीडियो बांग्लादेश के बरगुना जिले के डीसी ऑफिस के पास का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया जिसमें हमे बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट Independent पर इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट मिली.
हिंदी में अनुवाद करने पर हमने पाया कि इस रिपोर्ट में बताया गया था कि बरगुना जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कांग्रेस के पूर्व कमांडर को BNP अध्यक्ष महबुबुल आलम फारूक मोल्ला के बेटे शॉन मोल्ला ने पीटा.
Youtube पर मामले से जुड़े कीवर्ड सर्च करने पर हमें SOMOY TV का यही वीडियो मिला, जिसमे इस घटना को स्वतंत्रता सेनानी कमांडर के साथ मारपीट का वीडियो बताया गया था.
SOMOY TV को दिए गए इंटरव्यू में बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि ''शॉन (आरोपी) ने मुझे अंकल कहकर पुकारा, मैं (कार से) उतर रहा था और कह रहा था 'क्या हुआ बेटा?' (फिर) वह मुझे एक तरफ ले गया और मुझे पकड़ लिया. फिर उसने मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारा, मैं थोड़ा सा हिल गया. नतीजतन, मेरा चश्मा और टोपी (जमीन पर) गिर गई. जब मैं उन्हें उठाने के लिए नीचे झुका तो उसने मेरी पीठ पर मारना शुरू कर दिया.''
पुलिस का बयान: SOMOY TV को दिए गए बयान में बांग्लादेश पुलिस ने वीडियो के बारे बताया कि इस संबंध में एक वीडियो पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. हमारे नए पुलिस अधीक्षक महोदय ने भी इस पर गौर किया है. महोदय के निर्देश हैं कि यदि पीड़ित शिकायत दर्ज कराता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सभी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर युवक BNP पार्टी का था जबकि बुजुर्ग व्यक्ति आवामी लीग के सदस्य थे, मारपीट की वजह राजनैतिक रही है, इसमें किसी भी तरह के साम्रदायिक एंगल नहीं है.
गूगल मैप्स पर लोकेशन की पहचान: हमने वायरल वीडियो की लोकेशन की पुष्टि करने के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल किया. कुछ रिपोर्ट्स में इस घटना को बारगुना के डीसी ऑफिस का बताया गया था. हमने गूगल मैप्स पर डीसी ऑफिस बरगना और वायरल वीडियो में नजर आ रही लोकेशन में समानताएं ढूंढी.
वायरल वीडियो में बुजुर्ग के ठीक पीछे एक पत्थर (स्मारक) है जिसे गूगल मैप्स पर भी देखा जा सकता है. इसके साथ ही वायरल वीडियो में कोर्ट के पीछे नजर आ रहे दीवार के पीलर और दीवार पर लगे बोर्ड को भी गूगल मैप्स में ज़ूम करने पर बारगुना के डीसी ऑफिस में देखा जा सकता है.
निष्कर्ष: बांग्लादेश में बुजुर्ग युवक से हुई मारपीट के वीडियो को भारत का बताकर झूठे भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है.
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