गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार, 9 अप्रैल को एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या बीजेपी के किसी नेता ने कभी भी ये वादा नहीं किया कि सभी भारतीयों के बैंक अकाउंट में 15 लाख रुपये जमा करेंगे.
‘‘बिलकुल नहीं कहा था कि 15 लाख आएंगे, ये कभी नहीं कहा था. हमने कहा था कि हम काले धन के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. काले धन के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. ये हमारी ही सरकार है, जिसने काले धन जैसे विषय के लिए एसआईटी का गठन किया.’’राजनाथ सिंह, गृहमंत्री
इससे कुछ दिन पहले बीजेपी के एक और वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने भी कुछ ऐसा ही कहा था. कलराज मिश्र ने कहा था कि पीएम मोदी ने कभी भी ऐसा वादा नहीं किया कि वो 15 लाख देंगे. उनका कहना था कि ये सब विपक्ष की साजिश है.
15 लाख वाला ये दावा सही है या नहीं, ये पब्लिक डिस्कोर्स में पिछले 5 सालों से है, लेकिन एक बार फिर से ये बहस का मुद्दा बन गया है. सत्ता पक्ष के लिए ये किसी सिर दर्द से कम नहीं तो विपक्षी इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में दिए एक भाषण में कहा था, ‘मोदीजी ने कहा था कि वो काला धन लाएंगे और सबके खाते में 15 लाख रुपये डाल देंगें. क्या आपको पैसा मिला? लेकिन वो 15 लाख का सूट पहन रहे हैं.’
लेकिन बीजेपी इस 15 लाख वाली बात से किनारा करती दिखी है.
क्या मोदीजी ने 15 लाख देने का वादा किया था?
वीडियो देखें:
‘‘मेरे कांकेर के भाइयों बहनों मुझे बताइए, ये हमारा चोरी किया हुआ पैसा वापस आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए? ये काला धन वापस आना चाहिए? ये जो चोर-लुटेरों के पैसे विदेशी बैंकों में जमा हैं ना... तो भी हिंदुस्तान के एक एक गरीब आदमी को मुफ्त में 15-20 लाख रुपया यूं ही मिल जाएगा.’’पीएम नरेंद्र मोदी(7 नवंबर 2013 को कांकेर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए)
अब आपने सुना कि पीएम मोदी ने उस वक्त क्या कहा था. पीएम मोदी के मुताबिक अगर सारा काला धन वापस आ जाता है तो गरीबों को 15-20 लाख मिलेंगे. पीएम मोदी के इस बयान को चुनावी वादा बताकर गलत तरीके से पेश किया गया.
ये बयान महज भाषण के दौरान दिया गया था न कि वादा किया गया कि अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो सबको 15 लाख रुपये मिलेंगे.
बीजेपी अध्यक्ष ने बताया था जुमला
वहीं एबीपी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 15 लाख वाले बयान को जुमला बताया था. शाह ने कहा था, ‘ये एक जुमला है, 15 लाख रुपये किसी के खाते में नहीं जमा होने वाले हैं. ये बात विपक्ष को भी पता है, आपको भी पता है और सारे देश को भी पता है. मुद्दा काले धन को वापस लाने का था और गरीबों की मदद करने का था.’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)