सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो में कुछ लोग मंदिर के दान पात्र जैसी दिखने वाली जगह से नकद नोट इकट्ठा कर रहे हैं. यूजर्स ने दावा किया है कि यह क्लिप अयोध्या में बने नए राम मंदिर (Ram Mandir) की है.
दावे में आगे ये भी कहा गया है कि राम मंदिर की दान पेटी खुलने के आधे दिन के अंदर ही बड़ी रकम इकट्ठा हो गई.
क्या ये सच है?: यह दावा गलत है. वीडियो राजस्थान के सांवलिया सेठ मंदिर का है. वीडियो अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले का है.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ?: हमने वायरल वीडियो को कई कीफ्रेम्स में बांटा और उनमें से कुछ पर Google रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें इंस्टाग्राम पर @sanwaliya_seth_1007 नाम के अकाउंट से 16 जनवरी की एक पोस्ट मिली, जिसका कैप्शन था, "इस बार रिकॉर्ड 12 करोड़ 69 लाख नकद दान राशि निकली."
हमने दोनों वीडियो की आपस में तुलना की और कई समानताएं पाईं देखीं.
इससे मिलते-जुलते कीवर्ड ढ़ंढने पर हमें 16 जनवरी की एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट मिली, जो तकरीबन उसी वक्त की है जब वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया था.
इसमें सांवरिया मंदिर की पेटियों में दान राशि के हिसाब-किताब का जिक्र था.
इसमें लिखा है, ''चित्तौड़गढ़ स्थित सांवलिया सेठ मंदिर के भंडारे की गणना पूरी हो चुकी है. हर महीने खुलने वाले इस मंदिर के भंडारे की गिनती इस बार 6 दिनों तक चली. जिसमें करोड़ों की चांदी और सोना बरामद हुआ है'' .
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आखिरी दिन सिक्कों और कुछ बचे हुए नोटों की गिनती करके 3,17,305 रुपये की गणना की गई है.
राम मंदिर में मिला दान: इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक भक्तों ने मंदिर काउंटरों पर नकद चढ़ावे और ऑनलाइन दान के जरिए से कुल 3.17 करोड़ रुपये का योगदान दिया. 22 जनवरी को समारोह के बाद मंदिर में दस दान पेटियां खोली गईं.
निष्कर्ष: स्पष्ट रूप से, वीडियो को अयोध्या के राम मंदिर का बताकर गलत तरीके से शेयर किया जा रहा है. यह वीडियो राजस्थान की है.
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