ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British PM Borish Johnson) के खिलाफ सोमवार को लाए गए विश्वास मत को उन्होंने जीत लिया है. बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी ने ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव संसद में पेश किया था. लेकिन बोरिस जॉनसन ने 59% सांसदों का समर्थन हासिल किया और इसे जीत लिया है. 359 सांसदों में से 211 ने उनके पक्ष में वोट किया है. वहीं 148 सांसदों ने खिलाफ में.
2019 के चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने वाले बोरिस जॉनसन सरकार के शिक्षा मंत्री नादिम जहावी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह समय बोरिस जॉनसन के भविष्य पर सवालों के तहत एक रेखा खींचने का है.
जहावी ने स्काई न्यूज को बताया, "प्रधानमंत्री ने शानदार जीत हासिल की है. मुझे लगता है कि इस महत्वपूर्ण बात को याद रखना चाहिए कि हम केवल तभी काम कर सकते हैं जब हम एकजुट हों. मुझे उम्मीद है कि हम अब इसके तहत एक रेखा खींच सकते हैं और काम पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं."
वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर ने कहा, "कंजरवेटिव सरकार अब मानती है कि कानून तोड़ना कानून बनाने में कोई बाधा नहीं है."
साथ ही उन्होंने कहा कि "कंजर्वेटिव पार्टी अब मानती है कि ब्रिटिश जनता को ईमानदार राजनेताओं की अपेक्षा करने का कोई अधिकार नहीं है."
बोरिस जॉनसन को अविश्वास प्रस्ताव का सामना क्यों करना पड़ा?
बता दें कि महीनेभर पहले ही बोरिस जॉनसन ने कोरोना कानूनों का उल्लंघन करने के लिए सांसदों से माफी मांगी थी. जॉनसन पर कोरोना कानूनों को तोड़ने के लिए जुर्माना भी लगाया गया था जिसके बाद वे ऐसे पहले ब्रिटिश नेता बन चुके हैं.
कोरोना लॉकडाउन के दौरान कानून को ताक पर रखकर उन पर पार्टी करने का आरोपों लगा विपक्ष ने लगातार इसे मुद्दा भी बनाया. इस वजह से उनकी सरकार दबाव में रही.
लॉकडाउन के बीच उन्होंने और उनके स्टाफ ने प्रधानमंत्री निवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर कई ऐसी पार्टी आयोजित कीं, जिन्होंने कोरोना नियमों का उल्लंघन किया.
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