भारत के चांद मिशन (Mission Moon) के तहत चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करते हुए एक नई तारीख लिख दी है. 23 अगस्त को शाम 06 बजकर 04 मिनट पर दुनिया इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनी. ऐसा करके भारत, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला पहला देश बन गया है. भारत समेत दुनिया भर की निगाहें इस मिशन पर टिकी थीं. आइए जानते हैं कि भारत के मिशन चांद के बारे में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से क्या प्रतिक्रिया आई है...
कई सालों तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मजाक उड़ाने के बाद, पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद हुसैन ने मंगलवार को भारत के तीसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान 3' की तारीफ की और इसे "इंसानी दुनिया के लिए ऐतिहासिक पल" करार दिया.
भारत को बधाई देते हुए, इमरान खान की सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने अपने देश से बुधवार शाम को चंद्रयान -3 की चंद्रमा लैंडिंग का प्रसारण करने का आग्रह किया.
चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद फवाद हुसैन ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि चांद पर चंद्रयान-3 के उतरने से ISRO के लिए कितना अहम पल है, मैं ISRO के अध्यक्ष श्री सोमनाथ के साथ कई युवा वैज्ञानिकों को इस पल का जश्न मनाते हुए देख सकता हूं, केवल सपनों वाली युवा पीढ़ी ही दुनिया को बदल सकती है...मुबारकबाद!
फवाद ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पाकिस्तानी मीडिया को 23 अगस्त की शाम 6:15 बजे चंद्रयान की चांद पर लैंडिंग को लाइव दिखाना चाहिए. यह मानव जाति के लिए ऐतिहासिक क्षण है, विशेष रूप से भारत के लोगों, वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष समुदाय के लिए. बहुत-बहुत मुबारकबाद.
चंद्रयान-2 के मौके पर भारत को किया था ट्रोल
इससे पहले फवाद हुसैन ने साल 2019 में चंद्रयान -2 मिशन के दौरान भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को बेरहमी से ट्रोल किया था, जब चंद्रयान-2 लैंड होने से पहले क्रैश हो गया था. उन्होंने दूसरे चंद्र मिशन पर 900 करोड़ रूपए खर्च करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि "किसी अनजान इलाके में उद्यम करना बुद्धिमानी नहीं है."
लेखक और अमेरिका में पाकिस्तानी एंंबेस्डर रह चुके हुसैन हक्कानी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि चांद पर कामयाब लैंडिंग के लिए सभी हिंदुस्तानियों को बधाई.
पाकिस्तान में सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सलमान खान ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- बधाई हो हिंदुस्तान, चंद्रयान-3 देश भर में पूजा स्थलों पर प्रार्थनाएं आयोजित की गईं.
सुरक्षित लैंडिंग के लिए प्रार्थना करने के लिए बच्चे हिंदुओं द्वारा पवित्र मानी जाने वाली गंगा नदी के तट पर एकत्र हुए और कई स्थानों पर मस्जिदों में प्रार्थना की गई.
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