राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) के फिर से चुने जाने के बाद रविवार की देर रात में फ्रांस (France) में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. सोशल मीडिया पर शेयर फोटोज में देखा जा सकता है कि विरोध प्रदर्शन करने वाले मध्य पेरिस (Paris) में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने ज्यादातर युवाओं की भीड़ को तितर बितर करने की कोशिश की, जो विरोध करने के लिए चेटेलेट (Chatelet) के मध्य पड़ोस में इकठ्ठा हुए थे.
इमैनुएल मैक्रों आज 25 अप्रैल को दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन को हराकर दूसरी बार राष्ट्रपति बने हैं. देर रात ही चुनावों के रुझान इमैनुएल मैक्रॉन के पक्ष में आने लगे थे.
हालांकि मैक्रों ने एक सहज अंतर से जीत हासिल की लेकिन 1969 के बाद से सबसे अधिक नो वोट की दर तय होने की उम्मीद थी. वोटर्स का एक बड़ा हिस्सा मैक्रोन या ले पेन को वोट देने के लिए तैयार नहीं था.
मतदान के पहले दौर और रविवार के अफवाह के बीच, छात्रों ने पेरिस और अन्य विश्वविद्यालयों में सोरबोन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, उन्होंने दोनों प्रतिद्वंदियों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की.
चुनाव के परिणाम साफ होने के बाद, मैक्रों के खाते में 58.6% वोट आए, वहीं, पेन को केवल 41.5% वोट मिले. इसी जीत के साथ, मैक्रों 20 साल में दोबारा राष्ट्रपति बनने वाले पहले फ्रेंच नेता बन गए हैं.
इमैनुएल मैक्रों की इस जीत का अंतर 2017 की तुलना में बहुत कम है, क्योंकि तब इमैनुएल मैक्रों ने 66.1 प्रतिशत वोट अपने नाम किये थे जबकि मरीन ले पेन को 33.9 प्रतिशत हिस्सा मिला था.
ऐतिहासिक जीत के बाद इमैनुएल अपने परिवार के साथ एफिल टॉवर के पास चैंप डे मार्स के मंच पर पहुंचे और लोगों को संबोधित किया. मैक्रों ने कहा, ‘मैं एक निष्पक्ष समाज चाहता हूं. ऐसा समाज जहां, महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता हो.
एक्सपर्ट का मानना है जनता मरीन को सत्ता से दूर रखना चाहती है इसलिए उन्होंने मैक्रों को चुना.मरीन पुतिन की समर्थक और यूरोपियन यूनियन के खिलाफ मानी जाती हैं.
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