कनाडा (Canada) के वैंकूवर के सनसेट इलाके में एक 24 साल के भारतीय छात्र चिराग एंटिल की उसकी कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना 12 अप्रैल (शुक्रवार) की बताई जा रही है. इस मामले में चिराग एंटिल के परिवार ने उनके शव को वापस लाने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी है. वहीं, इस मामले में रविवार (14 अप्रैल) को स्थानीय पुलिस ने कहा कि अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन मामले की जांच की जारी है.
इधर, चिराग के परिवार ने उनके शव को वापस लाने के लिए क्राउडफंडिंग का आयोजन किया है.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, चिराग के भाई रोमित ने घटना के कुछ देर पहले उससे बात की थी, जिसमें उसने (चिराग) दोस्तों के साथ बाहर जाने की बात कही थी. लेकिन कुछ घंटे बाद परिवार को सूचना मिली कि उनकी (चिराग) गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
हत्या से कुछ घंटे पहले मैंने उससे बात की थी. वह खुश था. उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. हम न्याय चाहते हैं, हम जानना चाहते हैं कि उन्हें गोली क्यों मारी गई.रोमित एंटिल, मृतक चिराग का भाई
रोमित के मुताबिक, परिवार को चिराग की मौत के बारे में कनाडाई पुलिस से फोन कॉल और ई-मेल के जरिए जानकारी मिली.
कनाडाई पुलिस ने क्या कहा?
कनाडाई पुलिस ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं
लोगों द्वारा गोलियों की आवाज सुनने के बाद अधिकारियों को ईस्ट 55 एवेन्यू और मेन स्ट्रीट पर बुलाया गया. 24 वर्षीय चिराग एंटिल को इलाके में एक वाहन के अंदर मृत पाया गया.वैंकूवर पुलिस
मिंट के अनुसार, वैंकूवर पुलिस विभाग ने एक बयान में कहा कि निवासियों द्वारा गोलियों की आवाज सुनने के बाद 12 अप्रैल को रात करीब 11 बजे अधिकारियों को घटनास्थल पर बुलाया गया.
सीबीसी न्यूज ने पुलिस प्रवक्ता तानिया विसिंटिन के हवाले से बताया कि चिराग एंटिल, यूनिवर्सिटी कनाडा वेस्ट के एमबीए के छात्र थे, जिन्हे सनसेट इलाके में उनकी ही कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई. गोलियों की आवाज सुनने के बाद, पड़ोस के लोगों ने आपातकालीन सेवा को बुलाया.
रोमित ने कहा कि जिस दिन हादसा हुआ उस दिन उन्होंने चिराग से बात भी की थी. सितंबर 2022 में वैंकूवर चले गए चिराग ने यूनिवर्सिटी कनाडा वेस्ट से एमबीए पूरा किया और हाल ही में उन्हें अपना वर्क परमिट मिला था.
परिजनों ने क्या कहा?
हरियाणा के रहने वाले चिराग के भाई रोमित एंटिल ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह हर दिन अपने भाई-बहन से बात करते थे.
चिराग के भाई रोमित ने सरकार से मांग की है कि उनके भाई की हत्या का जवाब मिले और उनके परिवार को न्याय दिलाया जाये.
रोमित ने बताया कि सितंबर 2022 में चिराग एमबीए की पढ़ाई करने स्टडी वीजा पर कनाडा के वैंकुवर ब्रिटिश कोलंबिया गया था और वहां से उसने एमबीए की डिग्री हासिल की और अब वहां पर एक कंपनी में कार्यरत था.
रोमित ने आगे बताया कि उनके पास कनाडा से पुलिस कांस्टेबल का मेल आया था, जिसमे लिखा था कि उनके भाई की किसी ने गोली मारके हत्या कर दी है, जब वह खाना खाके अपनी गाड़ी में वापस आए.
चिराग के मामा ने मीडिया को बताया की वह लगातार चिराग के दोस्तो के संपर्क में है, लेकिन उनको भी कनाडा पुलिस कोई जवाब नहीं दे पा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि वह पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर से अपने बेटे के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हैं और उन्हें इंतजार है भारत सरकार, कनाडा सरकार और वैनकूवर पुलिस के साथ मिलकर इस मामले पर जल्द से जल्द कार्यवाही करे और चिराग के शव को दूतावास के जरिए परिवार के पास वापस लाए.
वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया कि वह अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कनाडाई अधिकारियों के संपर्क में है.
रोमित ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह घटना रात करीब 11 बजे वैंकूवर के ईस्ट 55वें एवेन्यू और मेन स्ट्रीट के चौराहे पर उनके अपार्टमेंट के पास हुई.
विदेश में दूसरे मामले भारतीयों की मौत से जुड़े
कुछ दिन पहले ही अप्रैल के शुरुआत में खबर आयी थी हैदराबाद निवासी मोहम्मद अब्दुल अरफात की अमेरिका के ओहायो में हत्या कर दी गई. 25 साल का अब्दुल 3 हफ्तों से लापता था और भारतीय दूतावास ने बताया की अब्दुल को किसी ने अगवा कर हैदराबाद में रह रहे उसके पिता से लगभग 1 लाख रुपयों की फिरौती मांगी थी.
इसी साल फरवरी में शिकागो में एक भारतीय छात्र पर हमला हुआ था और घटना से जुड़ी एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमे 3 लोग बुरी तरह से लड़के को पीट रहे थे और बाद में उसका फोन छीन कर भाग गए थे.
फरवरी में एक और घटना सामने आयी थी जिसमे श्रेयस नाम के भारतीय छात्र जो ओहायो में बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था, उसकी मौत हो गई, जिसकी वजह अभी तक सामने नहीं आयी है और इस मामले में पुलिस की जांच जारी है.
पिछले कुछ सालों में, विदेश में भारतीय छात्रों के साथ होने वाली हत्याओं के मामले कई बार सामने आए हैं. यह मामले न केवल छात्रों के परिवारों को चौंका देते हैं, बल्कि भारतीय समुदाय के लोगों में भी आशंका और चिंता पैदा करते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)