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"5 मिनट में सब तबाह हो गया":इराक में आग लगने से 100 की मौत- चश्मदीदों ने क्या कहा?

Iraq: तापमान असहनीय था, और उस वजह से वातावरण इतना गरम था कि उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता: चश्मदीद

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"तापमान असहनीय था, और उस वजह से वातावरण इतना गरम था कि उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता.", एक प्रत्यक्षदर्शी ने BBC से बात करते हुए कहा.

दरअसल, 26 सितंबर को उत्तरी इराक (Iraq) के काराकोश में एक शादी समारोह के आयोजन के दौरान आग लगने से लगभग 100 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए. इसमें दूल्हा-दुल्हन भी शामिल हैं, जो आगे से झुलस गये.

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"मैंने छत से धुएं का एक बड़ा काला बादल निकलते देखा"

बीबीसी के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि, "मैं आग से दूर भागने के अलावा कुछ नहीं कर सका. फायर ब्रिगेड के आने के बाद, मैं अपने दोस्तों की तलाश के लिए अंदर भागा. मैंने बाथरूम में 26 शव देखे. एक 12 वर्षीय लड़की पूरी तरह से जल गई थी."

उनका मानना ​​है कि पर्याप्त आपातकालीन एग्जिट की कमी के कारण स्थिति और खराब हो गई, क्योंकि अधिकांश मेहमानों ने हॉल के मुख्य प्रवेश द्वार का उपयोग करके निकलने की कोशिश की, जिसकी वजह से और बुरा हाल हो गया.

इराकी नागरिक सुरक्षा मीडिया के प्रवक्ता गौदत अब्दुल रहमान ने बीबीसी को बताया कि, आग आतिशबाजी के कारण लगी है.

17 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी को बताया कि, वह आग लगने के समय एग्जिट गेट पर ही खड़ा था इसलिए उसे जल्दी भागने का मौका मिल गया. उसने कहा कि, "मैंने छत से धुएं का एक बड़ा काला बादल निकलते देखा, इसलिए मैं तुरंत बाहर भागा. केवल पांच मिनट में पूरी जगह तबाह हो गई."

बता दें कि, 27 सितबंर को लगभग 50 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. बाकी शवों को अगले दिन दफनाए जाने की उम्मीद है. लेकिन कई लोग अभी भी परिवार के सदस्यों की तलाश कर रहे हैं.

"घायलों में से लगभग 60% लोग गंभीर रूप से जल गए"

इराक के विशेष चिकित्सा केंद्र के डॉक्टर वाड सलेम ने बीबीसी को बताया कि, घायलों में से लगभग 60% लोग गंभीर रूप से जल गए हैं. उन्होंने कहा, "ज्यादातर चोटें चेहरे, छाती और हाथों पर लगी हैं." वहीं महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

अस्पताल की मुख्य नर्स इसरा मोहम्मद ने रात भर घायलों का इलाज किया. उन्होंने बीबीसी को बताया कि उन्होंने लगभग 200 मरीजों को देखा. उन्होंने कहा कि, "मैंने जो देखा वह बहुत खतरनाक था. मैंने ऐसे लोगों को देखा है जिनके शरीर का 90% से अधिक हिस्सा पूरी तरह से जल चुका था."

उन्होंने आगे कहा कि, अस्पताल पहुंचते ही कम से कम 50 बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया.

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