इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी सरकार बनाने की हर कोशिश कर चुके हैं. नेतन्याहू की ये सभी कोशिशें लगभग नाकाम साबित हुई हैं. उन्होंने गठबंधन के सहारे एक बार फिर इजरायल में अपनी सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं रहे. अब बताया जा रहा है कि इस लंबी जद्दोजहद के बाद नेतन्याहू ने संघर्ष छोड़ दिया है.
इजरायल में चुनाव के बाद नेतन्याहू और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता और पूर्व सेना प्रमुख बेनी गैंट्ज 120 सदस्यीय संसद में सरकार बनाने के लिए जरूरी 61 सीटों के जादुई आंकड़े को हासिल करने में नाकाम रहे थे. जिसके बाद नेतन्याहू ने बेनी गैंट्ज के साथ मिलकर सरकार बनाने की पेशकश की थी.
बेनी गैंट्ज के लिए मौका
अब नेतन्याहू के पीछे हटने के बाद गेंद उनके प्रतिद्वंद्वी बेनी गैंट्ज के पाले में है. अब उन्हें बहुमत साबित करने का मौका दिया जाएगा. बताया गया है कि बेनी को बहुमत साबित करने के लिए 28 दिन का वक्त दिया जाएगा. लेकिन अगर वो भी बहुमत साबित नहीं कर पाए तो एक बार फिर इजरायल में चुनाव हो सकते हैं. बता दें कि इससे पहले इजरायल में दो बार आम चुनाव कराए जा चुके हैं.
नेतन्याहू पर बतौर प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं. पूर्व सेना प्रमुख बेनी गैंट्ज ने इसी को आधार बनाते हुए उनके साथ गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया. हालांकि अब बेनी गैंट्ज के सामने बहुमत साबित करने की बड़ी चुनौती होगी.
तीसरे चुनाव के आसार
इजरायल में दो चुनाव के बाद अब तीसरे चुनाव के आसार बन रहे हैं. इससे पहले नेतन्याहू बोल चुके हैं कि हम तीसरा चुनाव नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा था, "मैंने बेनी गेट्ज को साथ मिलकर सरकार बनाने को कहा है. ये हम दोनों पर निर्भर करता है कि एकजुट होकर सरकार बनाएं. पूरा देश हमसे उम्मीदें रखता है. हम दोनों पर भरोसा करता है. हम एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं. आज हम दोनों किसी भी समय मुलाकात करेंगे. यह वक्त ऐसा है कि हम दोनों की मुलाकात जरूरी हो गई है. हम तीसरे चुनाव के बारे में नहीं सोच सकते हैं."
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