महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के पार्थिव शरीर वाला ताबूत रविवार 11 सितंबर को स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग के लिए बाल्मोरल कैसल से निकल गया. ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार 8 सितंबर को निधन हो गया था.
महारानी के निधन के बाद शुरू हुआ 'ऑपरेशन लंदन ब्रिज'. यह क्वीन की मौत के बाद ब्रिटिश सरकार के संचालन प्रोटोकॉल का कोडनेम है.
महारानी के अंतिम संस्कार का यह है प्रोटोकॉल
ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार 8 सितंबर को निधन हो गया था. इसलिए शुरू हुआ 'ऑपरेशन लंदन ब्रिज'. यह क्वीन की मौत के बाद ब्रिटिश सरकार के संचालन प्रोटोकॉल का कोडनेम है.
महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु के दिन को डी-डे के रूप में जाना जाएगा, जबकि उस दिन के बाद के प्रत्येक दिन को डी + 1 और डी + 2 आदि के रूप में जाना जाएगा.
विदेश कार्यालय के ग्लोबल रिस्पांस सेंटर से प्रोटोकॉल के मुताबिक उनकी मृत्यु की खबर यूके के बाहर की 14 सरकारों तक पहुंचनी चाहिए थी, जहां महारानी भी राज्य की प्रमुख हैं, इसके साथ ही 36 अन्य राष्ट्रमंडल देशों में भी.
प्रोटोकॉल के मुताबिक प्रधानमंत्री लिज ट्रस बयान देने वाली पहली सरकारी अधिकारी होंगी. प्रधानमंत्री के बोलने के बाद तक सरकार में कोई और कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर सकता है. स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में विधायिकाओं के साथ ब्रिटिश संसद को स्थगित कर दिया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय तोपों की सलामी की व्यवस्था करेगा. एक मिनट का राष्ट्रीय मौन रखा जाएगा. सेंट पॉल कैथेड्रल में स्मरणोत्सव होगा, जिसमें प्रधानमंत्री और कई वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री नए सम्राट किंग चार्ल्स के साथ बैठक करेंगी जो राष्ट्र को भाषण देंगे. महारानी का अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर एब्बे में होना है. अंतिम संस्कार के जुलूस लंदन और विंडसर दोनों में आयोजित किए जाएंगे.
बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर के पैलेस तक रानी के ताबूत के जुलूस के लिए एक रिहर्सल होगा, जबकि अंतिम संस्कार उनकी मृत्यु के बाद पांचवें दिन आयोजित किया जाएगा. वह वेस्टमिंस्टर पैलेस में तीन दिनों तक (ऑपरेशन फेदर) लेटी रहेंगी. इसके बाद वेस्टमिंस्टर हॉल में एक सेवा होगी.
महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को स्कॉटलैंड के बालमोरल किले के अंदर लाया जाएगा. जहां वेस्टमिन्स्टर एबे में 4 दिनों तक उनके पार्थिव शव को रखा जाएगा. अंतिम संस्कार 19 सितंबर को किया जाएगा.
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